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अभिजीत बनर्जी ने धोती पहनकर लिया नोबेल पुरस्कार, पूछने पर ये दिया जवाब ?

नई दिल्‍ली,  भारतीय मूल के अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी ने  स्वीडन के स्टॉकहोम कॉन्सर्ट हॉल मे भारतीय परिधान  धोती मे नोबेल पुरस्कार प्राप्त किया।

स्‍वीडन के स्‍टॉकहॉम कंसर्ट हॉल में मौजूद सभी पुरुष जहां सूट में थे वहीं धोती पहने भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी और नीली साड़ी पहने उनकी पत्‍नी इस्‍थर डुफ्लो अपने आउटफिट की वजह से  सबसे अलग दिखाई दे रहे थे।

अभिजीत बनर्जी ने बंदगला और धोती पहन कर नोबेल पुरस्कार ग्रहण किया।

अभिजीत बनर्जी से जब ये पूछा गया कि आपने धोती और भारतीय परिधान पहनकर क्यों पुरस्कार ग्रहण किया?

 तो अभिजीत बनर्जी ने कहा कि मैं वेस्टर्न ड्रेस क्यों पहनूं, अगर पहनना ही है तो फिर अपना परिधान क्यों नहीं?

एक टीवी चैनल के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में अभिजीत बनर्जी  से आगे पूछा गया कि क्या उन्होंने यह ड्रेस पहनने के लिए इजाजत ली थी?

 इस पर  उन्होने कहा कि कोई भी जो ड्रेस  पहनना चाहता है, वह पहन सकता है।

अभिजीत बनर्जी  ने नोबेल पुरस्‍कार पाते समय जो पोशाक पहनी वह भारत और भारतीयता के प्रति उनके गहरे लगाव को दर्शाती है। यह उनकी पसंद भी है। उन्‍हें ज्‍यादातर कुर्ता पहनने का शौक है।

 इन दोनों के इस आउटफिट ने जहां कंसर्ट हॉल के लोगों को चौंकाया होगा वहीं हर भारतीय को गर्व करने का मौका भी दे दिया। उनकी पोशाक ने बता दिया कि भारतीय कहीं भी रहें लेकिन अपनी मूल सभ्‍यता और संस्‍कृति का निर्वाहन करना नहीं भूलते।

वैसे अभिजीत बनर्जी  ने चौंकाने वाले काम इससे पहले भी कियें हैं।

 1983 में दिल्‍ली के जेएनयू में एडमिशन रिफॉर्म को लेकर जो प्रदर्शन हुए थे उनमें उन्‍हें जेल तक की हवा खानी पड़ी थी।

इस दौरान वह करीब दस दिनों तक जेल में रहे थे।

इसी वर्ष भारत के लोकसभा चुनाव में उन्‍होंने कांग्रेस के लिए न्‍याय योजना का अंतिम खाका तैयार किया था। इसको पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था।

फिलहाल अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी डूफलो मैसेच्युसेट इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के इकनोमिक्स डिपार्टमेंट में प्रोफेसर हैं।

भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी को वर्ष 2019 के लिए अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया है।

उन्हें यह पुरस्कार फ्रांस की एस्थर डुफ्लो (अभिजीत बनर्जी की पत्नी) और अमेरिका के माइकल क्रेमर के साथ संयुक्त रूप से दिया गया है।

 एस्‍थर डुफ्लो अर्थशास्‍त्र में नोबेल पाने वाली दुनिया की दूसरी महिला हैं। वहीं एस्‍‍‍‍‍थर और अभिजीत ऐसे छठे दंपत्ति हैं जिन्‍हें ये सम्‍मान मिला है।

यह पुरस्कार ‘वैश्विक स्तर पर गरीबी उन्मूलन के लिए किये गये कार्यों के लिए मिला है।

अभिजीत और डुफ्लो द्वारा दिए गए गरीबी से निपटने के सिद्धांतों को कई देशों ने अपने यहां पर लागू भी किया है।

 इसका इन देशों को फायदा भी हुआ है।