जालंधर, आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता एच एस फूलका ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मांग की है कि गत वर्ष खन्ना के एक थाने में बाप-बेटे को नग्न करने के दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ पॉक्सो के तहत कार्रवाई की जाए।
श्री फूलका ने आज मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बताया कि उक्त मामले में 18 अप्रैल को पुलिस ने एक विभागीय जांच शुरू की और एसएचओ खन्ना, इंस्पेक्टर बलजिंदर सिंह को तत्काल स्थानांतरित करने का आदेश दिया, जिन्होंने पिछले साल अपने थाने में एक नाबालिग सहित तीन लोगों को कथित रूप से नग्न करने का आरोप लगा था लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है, हालांकि उक्त कृत्य पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराध है, जिसमें कानून के तहत स्पीडी ट्रायल विशेष अदालत द्वारा आयोजित किया जाता है।
श्री फूलका ने बताया कि यह घटना 12 जून 2019 की है जब जगपाल सिंह और कांग्रेस नेता जगबीर सिंह ऊर्फ रूबल सिंह के बीच संपत्ति विवाद को लेकर विवाद हुआ था। कांग्रेस नेता के दबाव में थाना प्रमुख ने अवैध रूप से जगपाल सिंह, उनके नाबालिग बेटे (जो उस समय 15 वर्षीय थे) और उनके कार्यकर्ता जसवंत सिंह को हिरासत में लिया। कांग्रेस नेता की मौजूदगी और उनके दबाव में, एसएचओ ने नाबालिग, उसके पिता और अनुसूचित जाति के कार्यकर्ता को नग्न कर दिया।
उन्हें पूरी तरह से नग्न करके हवालात में रखा गया था और बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया था, यातना के परिणामस्वरूप, जसपाल सिंह आज भी ठीक से चल नहीं पा रहे हैं। श्री फूलका ने कहा कि ऐसी एक गंभीर घटना और एक मामूली सी बात पर अमृतधारी सिख का अपमान हुआ और आरोपों को प्रथम दृष्टया सही पाया गया, लेकिन आश्चर्य है कि आज तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया गया है और उनके विरूद्ध मामला भी दर्ज नहीं किया गया है। यह अपराध गैर-जमानती हैं और गंभीर प्रकृति के हैं।
पॉक्सो अधिनियम, अनुसूची जाति अधिनियम के साथ-साथ भारतीय दंड सहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत अपराध बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है क्योंकि अपराधी जगबीर सिंह एक कांग्रेस पार्षद और नगर परिषद के पूर्व अध्यक्ष हैं।
उन्होंने कैप्टन अमरिन्दर सिंह से आग्रह किया है कि वे तुरंत इस मामले को देखें और जांच का आदेश दें कि एफआईआर क्यों नहीं दर्ज की गई और दोषियों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया।