लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की ये बात आखिर सच साबित हुई कि बीजेपी सरकार से एक बड़ी चूक हो गई है ।
कानपुर और कन्नौज में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों पर जीएसटी टीम की छापेमारी पर भाजपा पीयूष जैन को समाजवादी पार्टी का आदमी बता रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर, सीएम योगी आदित्यनाथ तक समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को निशाने पर ले रहे हैं। जबकि पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने इसको लेकर बड़ा खुलासा करते हुये कहा था कि पीयूष जैन का समाजवादी पार्टी से कोई कनेक्शन ही नहीं है। वह तो भाजपा का आदमी है। गलती से उसके यहां छापेमारी हो गई। बीजेपी का असली निशाना पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन थे। हमारे एमएलसी पुष्पराज जैन ने समाजवादी पार्टी नाम से इत्र बनाया था। बीजेपी ने अपने पीयूष जैन के घर छापा डलवाया। जो छापा पड़ा है, जो पैसा निकला है…अंत में देखेंगे कि यह पैसा बीजेपी का ही निकलेगा। बीजेपी बताए कि नोटबंदी के बावजूद उसके पास से इतना पैसा कहां से मिला और किन बैंकों ने पैसा देने का काम किया।”
अखिलेश यादव की ये बात आज तब सच साबित हुई जब इत्र कारोबारी पीयूष जैन के बाद आज इनकम टैक्स की टीम ने सपा एमएलसी पुष्पराज जैन के घर पर छापेमारी की है। आज अखिलेश यादव के कन्नौज पहुंचने से पहले वहां आयकर विभाग की टीम पहुंच गई है। अखिलेश यादव जिस सपा विधान परिषद सदस्य और इत्र कारोबारी पुष्पराज जैन उर्फ पंपी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं, उसके घर पर ही सुबह 7.45 बजे आयकर विभाग के अफसरों की टीम पहुंच गई। कन्नौज में पुष्पराज जैन के घर और फैक्ट्री में छापेमारी हो रही है। पुष्पराज जैन का घर सदर कोतवाली क्षेत्र के छिपट्टी में है। इसके अलावा, डीजीजीआई की टीम कन्नौज में ही इत्र कारोबारी मलिक मियां के घर छापेमारी कर रही है। कुल मिलाकर यूपी में कन्नौज, नोएडा और कानपुर समेत करीब 50 जगहों पर छापेमारी जारी है। आज पुष्पराज जैन उर्फ पंपी के यहां छापेमारी से अखिलेश यादव की बात सच साबित हो गई कि पहले टीम से गलती हो गई थी।
अखिलेश यादव की बात सच कैसे साबित हो गई , ये कहानी बहुत ही रोचक है। दरअसल इनकम टैक्स टीम ने छापे के लिए सबसे पहले P की-वर्ड को ट्रेस किया। ये P की-वर्ड पी जैन के लिए था और दोनों पी का सरनेम भी जैन था। ये नाम थे- पुष्पराज जैन और पीयुष जैन। दरअसल, कन्नौज में पी. जैन नाम के दो इत्र कारोबारी हैं। इनमें से पहले पी. जैन का पूरा नाम पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन हैं, जो सपा के MLC हैं।दूसरा पी. जैन पीयूष जैन है। जो इस अकूत संपत्ति का मालिक है। गलती से इनकम टैक्स की टीम पहले पी. जैन के यहां रेड डालने निकली थी, लेकिन पहुंच गई दूसरे पी. जैन के ठिकाने पर। टीम की इसी एक गलती से पीयुष जैन हत्थे चढ़ गया।
इत्र बनाने वाले पी. जैन के पहले नाम का पहला अक्षर पी. और सरनेम जैन है। दोनों कन्नौज में एक ही गली में रहते हैं। लेकिन, जिस जैन के घर छापा पड़ा वो सपा इत्र बनाने वाले नहीं थे। इनका नाम पुष्पराज जैन उर्फ पम्पी था। लेकिन, जिस पी. जैन के घर इनकम टैक्स का छापा पड़ा, वो पीयूष जैन हैं। सपा का इत्र बनाने वाले से पीयूष जैन का कोई लेना देना नहीं है। पहले खबरें सामने आईं कि ये वही पी. जैन है, जिन्होंने सपा इत्र बनाया था। लेकिन बाद में बात गलत निकली कि ये पीयूष जैन है, ये सपा का नेता नहीं है।
कानपुर में पीयूष जैन के घर 23 दिसंबर को DGGI (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस) और इनकम टैक्स ने छापा मारा। यहां अकूत संपत्ति मिलने के बाद पीयूष जैन के कन्नौज स्थित घर पर भी छापेमारी हुई। कई दिनों तक चली कार्रवाई में दोनों घरों से कुल 194 करोड़ रुपए कैश और 23 किलो सोना, 600 लीटर चंदन का तेल मिला। पीयूष जैन के कानपुर वाले घर से मिले रुपए को गिनने के लिए 13 मशीनें मंगाई गई थीं।
वहीं, छापेमारी के बीच 28 दिसंबर को पीएम मोदी ने कानपुर में ही थे। यहां उन्होंने सपा पर निशाना साधा। बोले- जिन्होंने यूपी में भ्रष्टाचार का इत्र छिड़का था, आज वह सभी के सामने हैं। अब वे लोग क्रेडिट लेने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। पी. जैन के घर छापा पड़ने के बाद 28 दिसंबर को ही उन्नाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बीजेपी पर पलटवार किया। वे बोले कि बीजेपी का असली निशाना पुष्पराज उर्फ पम्पी जैन थे। हमारे एमएलसी पुष्पराज जैन ने समाजवादी पार्टी नाम से इत्र बनाया था। बीजेपी ने अपने पीयूष जैन के घर छापा डलवाया। जो छापा पड़ा है, जो पैसा निकला है…अंत में देखेंगे कि यह पैसा बीजेपी का ही निकलेगा।
कर चोरी के आरोप में गिरफ्तारी के बाद न्यायिक हिरासत में भेजे गए कानपुर के कारोबारी पीयूष जैन के ठिकानों से अब तक करीब 194 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 23 किलोग्राम सोना और अन्य कीमती सामान जब्त किया गया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि पान मसाला (गुटखा) एवं इत्र कारोबारी पीयूष जैन के कानपुर स्थित आवास से 177.45 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी मिली है. इसके अलावा कारोबारी के कन्नौज स्थित ठिकानों (आवासीय और कारखाना परिसर) से भी तलाशी दल को करीब 17 करोड़ रुपये की नकदी मिली है।
आयकर विभाग की इस कार्रवाई पर समाजवादी पार्टी ने कहा, ‘पिछली बार की अपार विफलता के बाद इस बार BJP के परम सहयोगी आयकर ने सपा MLC पुष्प राज जैन और कन्नौज के अन्य इत्र व्यापारियों के यहां पर आखिर छापे मार ही दिए है। डरी BJP द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का खुलेआम दुरुपयोग, यूपी चुनावों में आम है।