सीबीआई छापेमारी के बाद, आईएएस अफसर की दूसरी कविता, कहा-छापा ,जांच की..
January 15, 2019
लखनऊ, पिछले दिनों सीबीआई की छापेमारी के बाद चर्चा में आईं आईएएस बी. चंद्रकला ने एक बार फिर कविता के माध्यम से अपनी बात रखी है. उन्होंने अपनी लिंकडिन (Linkedin) प्रोफाइल पर स्वरचित एक कविता साझा करते हुए लिखा है कि, ‘नफरत और घृणा से जीवन दूषित होता है’.
कविता के अंत में चर्चित अधिकारी बी. चंद्रकला ने लिखा है कि ”छापा जांच की प्रक्रिया का एक हिस्सा मात्र है”. देखिये क्या लिखा है , आईएएस बी. चंद्रकला ने-
प्रिय दोस्तों,
आईये, परमात्मा के दिये इस नये सवेरे में हम अपनी तरफ से प्रेम की सुगंध फैलाएं ।।
– नफरत और घृणा से जीवन , दूषित होता है ।।
इन सुंदर पंक्तियों के साथ शुभारम्भ करते हैं —
आ सोलह श्रृंगार करूँ , मैं , आ मैं तुमको , प्यार करूँ, मैं ।।
घर से निकल कर , सीधी सडक पर , चौवाडे से दायीं , मुड जाना , वह जो गंगा तट है , देखो , ऊपर एक मंदिर है , पुराना ।।
उसके पीछे पीपल का वृक्ष , जाने मन तुम , वहीं आ जाना , आना तुम छिप-छिप कर आना , आना , नजरें चार करेंगे , मधुवन का श्रृंगार बनेंगे ।।
जेट की रात है , बडी ही सुहानी , माहताब है , देख दिवानी , रातरानी, चम्पा , चमेली , फूल , तुम लाना संग में सहेली ।। रजनीगन्धा को भी ले आना , दोस्त है ये अपना , बडा ही पुराना, आना , जरा जल्दी आ जाना ।।
चंदा की बे-सब्री देखो , उग आयी है , रात की रानी , नदियों की धारा तुम , देखो , देखो इसका , कल-कल पानी ।।
कोयल की स्वर , देखो , हे प्रिये ! उर्वशी भी है , तेरी दिवानी , कुमकुम के रंगों से सज गयी , गौधूली की प्रीत पुरानी ।। देखो , जब मंदिर में बजेगी , संध्या-भजन की घंटी , तब तुम , बीत जाए जब , एक पहर और , घर से निकल ही आना प्रिय तुम ।।
मै बैठा इंतजार करूंगा , पीपल के नीचे , चाँदनी रात में , मैं बन दर्पण , श्रृंगार करूँगा, आना तुमको मैं प्यार करूँगा ।।