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यूपी में छह महीने बाद खुले स्कूल-कॉलेज,सरकार ने लंबी चौड़ी जारी की गाइडलाइन


नई दिल्ली,
कोरोना लॉकडाउन के चलते करीब छह महीने बाद सोमवार से कक्षा 9 से 12 तक के लिए स्कूल खुल गए हैं. स्कूलों में कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं चल रही हैं. हालांकि इस दौरान स्कूलों और बच्चों को कोविड गाइडलाइंस का पालन करना जरूरी होगा.

लखीमपुर-खीरी : सात महीने के बाद सोमवार को जिले के सभी इंटर कॉलेजों के दरवाजे खुल गए। अभिभावकों की सहमति पत्र के साथ छात्रों का स्कूल आना शुरू हो गया है। पहली पाली की शुरुआत सुबह 8:45 बजे से हुई। स्कूलों ने पहले दिन गेट पर ही छात्रों की सैनिटाइजिंग की व्यवस्था शुरू की।

– लखनऊ : नेशनल कॉलेज में भी कम संख्या में पहुंचे छात्र, क्रिएटिव कॉन्वेंट कॉलेज में बिना सहमति पत्र के पहुंचे छात्रों को वापस लौटाया। वहीं, कैथेड्रल में पहले दिन 17 बच्चे पहुंचे।

 मुरादाबाद में आज स्कूल खुले तो बच्चों के स्वागत में रंगोली से साज सज्जा की गई। इस मौके पर अपर सचिव  माध्यमिक शिक्षा परिषद एवं बरेली के जिला विद्यालय निरीक्षक ने स्कूलों का निरीक्षण कर प्रिंसिपल ओर बच्चों को जागरूक किया और दिशा-निर्देश दिए। स्कूलों में बच्चों के हाथ सैनिटाइज किए गए। बच्चों व शिक्षकों का ब्ल्डप्रेशर भी चेक किया गया।

– हापुड़ की डीआईओएस निशा अस्थाना ने बताया कि कोविड 19 की गाइडलाइन का पालन कराते हुए स्कूल खुल गए हैं। कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं स्कूलों में चल रही हैं। वह खुद और नोडल अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण कर रहे हैं।

– हापुड़ में शर्तों के साथ स्कूल खुल गए हैं। स्कूलों में कक्षा 9 से लेकर 12वीं तक की कक्षाएं चल रही हैं। कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है। स्टूडेंट्स को परीक्षा कक्षों में दूर-दूर बैठाया गया है। 

1. सभी स्कूलों को दो पालियों (शिफ्ट) में कक्षाएं चलानी होगी, जिसमें से पहली पाली में 9वीं व 10वीं के बच्चे और दूसरी पाली में 11वीं व 12वीं के बच्चे आ सकेंगे.
2. स्कूलों को सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह पालन करना जरूरी होगा और सेनेटाइजेशन की भी पर्याप्त व्यवस्था करनी होगी.
3. एक क्लास में सिर्फ 50 फीसदी बच्चों को आने की इजाजत होगी, जबकि शेष 50 प्रतिशत बच्चों को दूसरे दिन क्लास के लिए बुलाया जाएगा.
4. किसी भी स्टूडेंट को स्कूल आने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा.
5. कंटेनमेंट जोन में रहने वाले बच्चों, टीचर या स्टॉफ को स्कूल आने की अनुमति नहीं होगी.
6. अगर किसी बच्चे, टीचर या फिर किसी कर्मचारी को बुखार, सर्दी-खांसी हो तो उसे प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया जाएगा.
7. क्लास के दौरान एक बेंच पर सिर्फ एक बच्चे के बैठने की अनुमति होगी.
8. स्कूल आने और जाने के समय सभी गेट को खोले जाएंगे, ताकि एक साथ भीड़ जमा ना हो.
9. सभी स्टूडेंट, टीचर और स्टॉफ के लिए मास्क पहनना अनिवार्य होगा.
10. स्कूल खोलने हैं या नहीं या कब से खोलने हैं, इस पर अंतिम फैसला राज्यों को खुद लेना है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया है कि किसी भी अभिभावक को बच्चों को स्कूल भेजने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही स्कूल आने वाले बच्चों के अभिभावकों को इसकी लिखित मंजूरी देनी होगी. यही वजह है कि स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं (Online Class) चलाते रहने का भी निर्देश दिया गया है, ताकि बच्चों की पढ़ाई में किसी भी तरह की रुकावट ना आए.