लखनऊ,अध्यापक एवं कर्मचारियों की मृत्यु होने के उपरांत NPS का पैसा, सरकार पैसा वापस करे। यह विचार, अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार *बन्धु* ने व्यक्त किये।
अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार *बन्धु* ने बताया कि 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त अध्यापक एवं कर्मचारियों की मृत्यु होने के उपरांत पारिवारिक पेंशन की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है परन्तु ऐसे अध्यापक एवं कर्मचारी जिनकी नियुक्ति 1 अप्रैल 2005 के बाद हुई है उनके वेतन से कटौती कर धनराशि एनपीएस के खाते में जमा कर दी जाती है वर्ष 2016-17 के बाद शासन के आदेशानुसार एनपीएस के अंतर्गत काटी गई अभिदाता एवं सरकार की धनराशि को सरकार व नियोक्ता स्वयं समायोजित कर, केवल अध्यापक एवं कर्मचारी को पारिवारिक या कुटुंब पेंशन ही प्रदान करता है | nps का पैसा जब्त करना किसी भी दशा में न्यायोचित नहीं है । शहीद शिक्षक कर्मी का परिवार आज बहुत पीड़ा में है एक एक पैसे के लिए तवाह है उस परिवार के सामने रोजी रोटी का संकट है। ऐसे हालात में उसके खुद के पैसे सरकार य कंपनी रख ले। इससे ज्यादा संवेदनहीनता व अमानवीयता क्या होगी ।
विजय कुमार *बन्धु* ने आगे बताया कि अध्यापक एवं कर्मचारियों द्वारा एनपीएस के खाते में जो धनराशि जमा की जाती है, वह उसके वेतन की 10% कटौती करके जमा की जाती है| जबकि वेतन पर और उसकी वेतन से की गई कटौतियों पर केवल और केवल अध्यापक और कर्मचारियों का ही अधिकार है न कि सरकार या नियोक्ता का | उन्होने सरकार से मांग कि है 1 अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त अध्यापक एवं कर्मचारियों की मृत्यु हो जाने के उपरांत उनको पारिवारिक एवं कुटुंब पेंशन के साथ ही उनके द्वारा जमा की गई की राशि का व्याज सहित भुगतान किया जाये। महामंत्री डा० नीरजपति त्रिपाठी है कि यदि केन्द्र सरकार ने इसमे संशोधन कर सकती है तो उ० प्र० सरकार भी नियमावली को संशोधित करते हुए कर्मचारी और अध्यापकों के हित को ध्यान में रखते हुए उनको पारिवारिक पेंशन के साथ जमा की गई राशि का व्याज सहित भुगतान करे । मीडिया प्रभारी डा० राजेश कुमार ने कहा कि इसी तरह का एक आदेश केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 2003 के पूर्व विज्ञापन एवं फाइनल रिजल्ट आ गया था उन्हें पुरानी पेंशन का लाभ दिया जाये लेकिन अभी तक उत्तर प्रदेश उसका भी लाभ नही दे रही है जिससे हजारो शिक्षक कर्मी हताश और निराश है कुन्ठा मे है । सरकार तत्काल आदेश जारी करे ऐसे लोगो को न्याय देने का काम करे ।