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विकास दुबे के मारे जाने के बाद अब यूपी सरकार की नजर इन लोगों पर टिकी?

लखनऊ, आठ पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे के पुलिस मुठभेड़ में ढेर होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने अब उसके करीबियों की पहचान और कार्रवाई के निर्देश दिये है वहीं प्रर्वतन निदेशालय (ईडी) ने दुर्दांत के काले कारोबार के नेटवर्क की कड़ियां उधेड़ने का काम शुरू किया है।

सरकार ने अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी के नेतृत्व में शनिवार को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जबकि ईडी ने गैंगस्टर की संपत्ति और उसके मददगारों की जांच शुरू कर दी है।

एसआईटी को विकास से जुड़े हर मामले की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपने के लिये 31 जुलाई तक का समय दिया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा तथा पुलिस उपमहानिरीक्षक जे रवीन्द्र गौड़ एसआईटी के सदस्य नामित किये गये हैं। जांच दल पुलिस मुठभेड़ में मारे गये हिस्ट्रीशीटर बदमाश विकास दुबे के खिलाफ दर्ज मामलों में की गयी कार्यवाही की समीक्षा करेगा। जांच दल यह भी पता करेगा कि दुर्दांत गैंगस्टर और उसके साथियों को सजा दिलाने के लिये की गयी कार्यवाही क्या पर्याप्त थी। 60 से अधिक मुकदमों में वांछित अपराधी की जमानत निरस्तीकरण की दिशा में क्या कार्यवाही की गयी।

उन्होने बताया कि एसआईटी के एजेंडे में यह भी शामिल किया गया है कि अभियुक्त विकास दुबे के विरूद्ध कितनी जन-शिकायतें आयीं और उन पर थानाध्यक्ष चौबेपुर तथा जिले के अन्य अधिकारियों ने क्या जांच की और पाये गये तथ्यों के आधार पर क्या कार्यवाही की। एसआईटी में शामिल अधिकारी पता करेंगे कि विकास तथा उसके साथियों के विरूद्ध गैंगेस्टर एक्ट, गुण्डा एक्ट, एनएसए आदि अधिनियमों के अन्तर्गत क्या कार्यवाही की गयी तथा यदि कार्यवाही किये जाने में लापरवाही रही तो किस स्तर पर लापरवाही रही।

उधर, ईडी ने कानपुर पुलिस से फरारी के दौरान विकास दुबे के घर और उसके सहयोगियों से मिले सामान और दस्तावेज का ब्योरा मांगा है। विश्वस्त सूत्रों के अनुसार ईडी को जानकारी मिली है कि बीते तीन वर्ष में विकास दुबे ने 15 देशों की यात्रा की थी। संयुक्त अरब अमीरात और थाईलैंड में एक-एक पेंटहाउस भी खरीदा था। इसके बाद हाल में ही उसने लखनऊ में लगभग 20 करोड़ की प्रॉपर्टी खरीदी थी। कानपुर में भी विकास दुबे के कई मकान और खेत हैं।

सूत्रों ने बताया कि ईडी ने कानपुर के आईजी मोहित अग्रवाल से विकास दुबे के परिवार के सदस्यों और सहयोगियों का आर्थिक ब्यौरा मांगा है। ईडी ने विकास के परिवार के सदस्यों तथा सहयोगियों उनके खिलाफ आपराधिक मामलों की वर्तमान स्थिति की भी जानकारी मांगी है। ईडी की एक टीम तीन दिन पहले बुधवार को कानपुर पुलिस और अधिकारियों के साथ संपर्क करके औपचारिक तौर पर विकास दुबे से संबंधित एफआईआर सहित कई दस्तावेजों को लेकर लखनऊ आई थी।
उन्होने बताया कि ईडी जल्द ही विकास के परिजनो और करीबियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई कर सकती है जिसके लिये उसके पास पर्याप्त आधार है।

सूत्रों ने बताया कि विकास के उज्जैन कनेक्शन का पता लगाने और उसके मददगारों की खबर लेने एसटीएफ एक बार फिर पड़ोसी राज्य का दौरा कर सकती है। उज्जैन प्रवास के दौरान एक शराब कारोबारी ने विकास की मदद की थी। उसको भी मध्य प्रदेश पुलिस ने हिरासत में लिया है। इसके साथ ही एसटीएफ महाकाल मंदिर में लगे सभी सीसीटीवी कैमरा को खंगालेगी। वहां पर एसटीएफ विकास की मदद करने वालों से भी पूछताछ करेगी।