लखनऊ, मां के बाद बेटे ने भी कोरोना वायरस के साथ जंग में जीत हासिल की है।
पीलीभीत के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 रतनपाल सिंह ने बताया कि पीलीभीत में दो कोरोना के संक्रमितों को सीमित संसाधन से ही महज
25 दिनों में दुरुस्त कर जिले ने इतिहास रच दिया।
मांं के बाद बेटे मेराज ने कोरोना से जंग जीती ली और उसे आज अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है।
उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस से पीड़ित मेराज को अस्पताल से स्वस्थ होकर विदा करने के लिये वार्ड के बाहर उसके स्वागत में
चिकित्सक तथा स्टाफ के लोग खड़े थे। सभी ने उसे सम्मान पूर्वक विदाई दी।
डा0 सिंह ने बताया कि सउदी से आने बाद अमरिया क्षेत्र की शकीला की जांच हुई तो वह कोरोना संक्रमण की जद में थी।
इसके बाद जब परिवार के अन्य लोगों का चेकअप किया गया तो दूसरे दिन बेटा मेराज की भी पाजीटिव रिपोर्ट आई थी।
दोनों का कोरोना वार्ड में इलाज शुरू किया गया था।
पहले मेराज की मां 73 बर्षीय शकीला 18 दिनों में ही कोरोना का मात देकर घर वापसी कर गईं।
आज सोमबार को 22 दिन बाद मेराज ने भी कोरोना से जंग जीत ली। रविवार की रात मेराज की अंतिम रिपोर्ट भी निगेटिब आई थी।
उन्होंने बताया कि सभी औपचारिकताएं पूर्ण कर मेराज को कोरोना वार्ड से बाहर निकाला गया। फिर एंबुलेंस से उसे घर भेजा गया।
मेराज ने वहां खड़े सभी लोगों का हाथ जोड़कर आभार जताया।
उसने कहा कि डाक्टरों की टीम और पूरे स्टाफ के कुशल इलाज से उसे जिंदगी मिली और कोरोना हार गया।
जिला अस्पताल के सीएमएस ने बताया मेराज ने इन दिनों आइसोलेशन वार्ड में स्वस्थ होने के दौरान बिताए समय मे कोरोना पर
अपनी एक कविता लिखी।
घर वापसी के समय उसने वह कविता स्वास्थ्य विभाग की टीम से साझा भी की।
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