नई दिल्ली, दिल्ली में गणतंत्र दिवस के मौके पर ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद किसान नेताओं में दरार दिखने लगी है। मंगलवार प्रदर्शनकारी किसानों के उत्पात के बाद दो संगठनों ने दिल्ली बॉर्डर पर जारी किसानों के आंदोलन से अलग होने का फैसला लिया है। राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन और भारतीय किसान यूनियन (भानु) ने ऐलान किया है कि वो आंदोलन से अलग हो रहे हैं।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंहने कहा कि इस रूप से आंदोलन नहीं चलेगा। हम यहां पर शहीद कराने या लोगों को पिटवाने नहीं आए हैं। वीएम सिंह ने भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत सरकार के साथ मीटिंग में गए। उन्होंने यूपी के गन्ना किसानों की बात एक बार भी उठाई क्या, उन्होंने धान की बात की क्या। उन्होंने किस चीज की बात की। हम केवल यहां से समर्थन देते रहें और वहां पर कोई नेता बनता रहे, ये हमारा काम नहीं है।
राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के अध्यक्ष वीएम सिंह ने कहा कि दिल्ली हिंसा से हमारा कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा किहिन्दुस्तान के झंडे की गरिमा, मर्यादा है। उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं।
वीएम सिंह ने कहा कि ITO में हमारा एक साथी शहीद भी हो गया। जो लेकर गया या, जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए। किसान नेता वीएम सिंह ने कहा कि हमारा ये आंदोलन जारी रहेगा, लेकिन इस आंदोलन को सही रास्ते पर ले जाने का मैं काम कर रहा हूं। हमारा आंदोलन तो बहुत पुराना है। राकेश टिकैत पर हमला करते हुए वीएम सिंह ने कहा कि ये तो नए-नए लोग आए हैं।
किसान नेता वीएम सिंह ने कहा कि हम देश को बदनाम करने नहीं आए थे। हम तो इसलिए आए थे ताकि धान का पूरा रेट मिले, गन्ने का दाम मिले, MSP मिले। सिंह ने कहा की किसान आंदोलन अब गलत रास्ते पर चला गया है। हम उन लोगों के साथ आंदोलन नहीं चला सकते, जिनकी दिशा अलग हो. वीएम सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि हम एमएसपी के लिए आए हैं, हुड़दंग मचाने नहीं। 26 जनवरी को जो कुछ भी हुआ, वह बहुत शर्मनाक है। सिंह ने कहा कि मैंने आंदोलन खड़ा करने का काम किया, मैंने तमाम किसानों को दिल्ली लाने का काम किया।