आगरा नगर निगम : सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद, जानें क्यों?

लखनऊ, सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग बंद है।  सिंगल यूज प्लास्टिक की चीजों को बनाने, बेचने और इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध है।  ऐसा न करने पर आपको जुर्माना हो सकता है।

प्रदेश के आगरा  नगर निगम में स्वच्छ भारत मिशन, नगरीय के तहत, सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए  “गंदगी से आजादी” अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत आज वार्ड राजमण्डी वार्ड  नंबर 84 में सिंगल यूज प्लास्टिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रति जागरूक करना था।

स्वच्छ भारत मिशन, नगरीय के तहत उत्तर प्रदेश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए वृहद स्तर पर अभियान की शुरुआत की गई है। दरअसल, ये पाया गया है कि अब भी बाजारों में बैन किए जा चुके सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में धरती को स्वच्छ बनाने के लिए प्रतिबंध का आदेश लाने के बाद भी इसका इस्तेमाल होना चिंता का विषय है. इसी वजह से इस अभियान को चलाकर सख्त संदेश देते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को पूरी तरह से खत्म करने की तैयारी की गई है।

जागरूकता टीम ने नाटक के माध्यम से बताया कि नियम के अनुसार अगर कोई व्यक्ति प्रतिबंधित सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग करता है, उसे नदी, नालियों, सड़कों, झीलों, तालाबों में फेंकता है तो उसके ऊपर 1000 रुपए का जुर्माना लगेगा। अगर यही काम किसी संस्था की तरफ से किया जाता है तो जुर्माना 25000 रुपए हो जाएगा।

वहीं, सरकार ने जुर्माना और जेल भेजने का नियम भी बनाया है। पॉलीथिन या थर्मोकोल के प्रोडक्ट के इस्तेमाल और बेचने पर छह महीने की जेल या 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। गलती अगर दोबारा होती है तो जुर्माना एक लाख और जेल की सजा एक साल की हो सकती है।

 

Related Articles

Back to top button