एम्स में देशभर के विशेषज्ञों ने तंत्रिका तंत्र से संबंधित नयी तकनीक पर बड़ी चर्चा
October 20, 2019
नयी दिल्ली, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरोएनेस्थीसिया एंड क्रिटिकल केयर विभाग के तीन दिवसीय सातवें वार्षिक सम्मेलन में देशभर के विशेषज्ञों ने तंत्रिका तंत्र से संबंधित रोगों और मस्तिष्क की चोटों के इलाज की नयी तकनीक पर चर्चा की।
एम्स के मीडिया प्रभाग के अनुसार 18 से 20 अक्टूबर तक चले इस सम्मेलन में देश भर के दो सौ से अधिक न्यूरोएनेस्थेसिया विशेषज्ञों ने शिरकत की। विशेषज्ञों ने डिमेंशिया, अल्जाइमर्स , पार्किंसंस , ब्रेन ट्यूमर समेत तांत्रिका तंत्र से संबंधित बीमारियों और किसी भी हादसे की वजह से गंभीर रुप से चोटिल मस्तिष्क के मरीजों के इलाज के संदर्भ में विकसित नयी तकनीक और इस तरह की बीमारियों की रोकथाम की भावी रणनीति पर ठोस एवं विस्तापूर्ण चर्चा की।
ब्रेन इंजरी के मरीजों को समय से उत्तम इलाज मिलने से जीवन रक्षा संभव हो सकता है। वर्ष 2002 में सबसे पहले एम्स में न्यूरोएनेस्थिसिऑलोजी का औपचारिक प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम शुरु हुआ था।
ऑपरेशन थिएटर में लेटे हुए मरीज के सिर की सर्जरी हो और वह बातचीत भी करता रहे, ये संभव बनाया है न्यूरो एनेस्थीसिया के विशेषज्ञों ने। चिकित्सीय भाषा में इसे अवेक सर्जरी कहते हैं।
मस्तिष्क को अधिकतम नुकसान होने पर ही मरीज को लकवा मार जाता है जिसकी वजह से आंशिक तौर पर हाथ या पैर का काम न करनाए देखने या बोलने की क्षमता खत्म हो जानाए चेहरे पर लकवा मार जाना जैसी दिक्कतें होती हैं।