नयी दिल्ली, कोरोना वायरस के प्रकोप का सामना कर रहे चीन के वुहान शहर से 32 विदेशी नागरिकों समेत 112 भारतीय नागरिकों को लेकर वायु सेना का विमा गुरुवार सुबह दिल्ली पहुंचा।
सरकार ने अभूतपूर्व विभीषिका से जूझ रहे चीन के लोगों की सहायता के लिए 15 टन चिकित्सा एवं राहत सामग्री लेकर भारतीय वायुसेना के विमान सी-17 को बुधवार देर शाम को वुहान भेजा था और यह विमान आज कुल 112 यात्रियों को लेकर दिल्ली के इंदिरा गांधी हवाई अड्डे पर पहुंचा।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आठ फरवरी को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को पत्र लिख कर कोरोना वायरस की विभीषिका से निपटने के प्रयासों में एकजुटता व्यक्त की थी और चीन की ज़रूरतों के अनुसार भारत की ओर से हरसंभव सहायता की पेशकश की थी। चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति से चीन को इस महामारी के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया है।
विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत एवं चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ के मौके पर यह सहायता चीन के लोगों के प्रति भारत के लोगों से मित्रता और एकजुटता का प्रतीक है।
इस विमान के जरिये वुहान में भारतीय दूतावास के तीन अधिकारियों समेत 76 भारतीयों और 36 विदेशी नागरिकों को यहां लाया गया है। इन सभी विदेशी नागरिकों को सरकार की पड़ोसी देशों को महत्व देने वाली नीति के तहत यहां लाया गया है और इनमें बंगलादेश के 23, चीन के 6, म्यांमार और मालदीव के दो-दो तथा अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के एक-एक नागरिक शामिल हैं।
वुहान में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए सरकार की तरफ से भेजी गई यह तीसरी उड़ान थी। इससे पहले दो उड़ाने 31 जनवरी और एक फरवरी को भेजी गयी थी जिनमें 723 भारतीयों और 43 विदेशी नागरिकों को लाया गया था।
चीन में इस घातक विषाणु से अब तक 2715 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 78000 इस संक्रमण से अभी भी ग्रसित हैं। वहीं 29700 लोगों को उपचार के बाद अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। मौजूदा समय में यह वायरस दुनिया के 37 देशों में फैल चुका है।