लखनऊ, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 11 विधानसभा सीटों पर कल हो रहे उपचुनाव स्वतंत्रत एवं निष्पक्ष कराने के लिए निर्वाचन आयोग को विशेष रूप से सतर्कता बरतनी चाहिए।
श्री यादव ने रविवार शाम यहां जारी एक बयान में कहा कि निर्वाचन आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारी है कि वह यह सुनिश्चित करे कि कोई भी मतदान को प्रभावित न कर सके। उनका आरोप है कि सत्तारूढ़ दल उपचुनावों में भी सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करने से बाज नहीं आ रहा है। लेखपालों से लेकर पुलिस चौकी इंचार्ज तक ग्राम प्रधानाेंए ब्लाक प्रमुखों तथा कोटेदारों को भाजपा के पक्ष में वोट डालने का दबाव बना रहे हैं।
उन्होंने आशंका जताई कि अराजकतत्व मतदान केन्द्रों पर लोगों को वोट डालने से रोकने की कोशिशें कर सकते हैं। भाजपा के पक्ष में वोट डलवाने के लिए उनके मंत्रीगणए सांसद एवं विधायक निर्वाचन क्षेत्रों में आज भी डटे हुए हैए जबकि 19 अक्टूबर की शाम को चुनाव प्रचार थम गया था। उन्होंने कहा कि रामपुरए प्रतापगढ़ए जलालपुरए जैदपुरए बलहा तथा घोसी विधानसभा क्षेत्रों के समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों ने उपचुनाव में धांधली किए जाने की शिकायतें मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा निर्वाचन आयोग को भेजी है लेकिन जिलाधिकारी और रिटर्निंग अफसर आंख मूंदे हुए है।
श्री यादव ने कहा कि मतदाताओं को डराना.धमकाना और प्रलोभन देना आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है। सत्ता की मनमानी पर रोक के साथ निर्वाचन आयोग को ऐसी पारदर्शी व्यवस्था भी करनी चाहिए ताकि पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा मतदाताओं को डराने धमकाने की शिकायतें न हों। उनका कहना है कि लोकतंत्र को बचाने की जिम्मेदारी प्रदेश के मतदाताओं की भी है। उन्हें बिना किसी दबावए भय या प्रलोभन के अपने मतदान के अधिकार का प्रयोग करना होगा तभी सत्तारूढ़ दल की कपटी राजनीति पर रोक लगेगी और उसका अहंकार चकनाचूर होगा।