नई दिल्ली , हाथरस में दिल दहला देने वाली वारदात में पीड़िता की मौत के बाद और उसके बाद पीड़िता के शव का पुलिस द्वारा जबर्दस्ती रात मे क्रियाकर्म कर देने के बाद सरकार की किरकिरी हुई थी, वहीं बलरामपुर मे एक और दलित महिला के साथ गैंगरेप के बाद मौत ने विपक्ष को उद्वेलित कर दिया है।
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव लगातार ट्वीट करके योगी सरकार को घेर रहें हैं। समाजवादी पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं को हाथरस में रोके जाने का राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व सीएम ने ताजा ट्वीटकर विरोध किया है उन्होने लिखा कि हाथरस में भाजपा सरकार सत्ता पक्ष के नेताओं के लिए कोई पाबंदी नहीं लगा रही है लेकिन जनता और विपक्ष को धारा 144 के नाम से बाधित कर रही है. मृतका के गाँव-क्षेत्र में सपा के नेता व कार्यकर्ता दो दिनों से अघोषित बंदी बना के रखे गये है. घोर निंदनीय!
इससे पूर्व अखिलेश यादव ने ट्वीट करके योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाये थे। उन्होने लिखा कि ‘हाथरस की मृतका के परिजनों को शासन के मूक आदेश पर प्रशासन ने दौड़ा-दौड़ाकर मारा है. अब जनता भी इन सत्ताधारियों को दौड़ा-दौड़ाकर इंसाफ की चौखट तक ले जाएगी. भाजपा के कुशासन का असली रंग जनता देख रही है. कपटियों का लबादा उतरते में देर नहीं लगेगी.’
उन्होने कहा था कि हाथरस की बेटी का जबरन दाह संस्कार सबूत मिटाने की कोशिश है यानी गैंगरेप पीडिता का जबरन दाह संस्कार भाजपा सरकार का पाप और अपराध है.