सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस प्रयास नहीं हो रहे- अखिलेश यादव
February 11, 2019
लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि विडम्बना है कि देष को आजाद हुए सत्तर वर्ष हो गए हैं लेकिन आज भी देश के अन्नदाता किसान और देश के भविष्य नौजवान की समस्याओं के स्थायी समाधान का कोई रास्ता प्रशस्त नहीं हो सका है। कृषि अर्थव्यवस्था और अवस्थापना क्षेत्र के विकास के लिए कोई सुनियोजित व्यवस्था नहीं बन सकी है। सामाजिक न्याय की दिशा में ठोस प्रयास नहीं हो रहे हैं। स्वतंत्रता आंदोलन के जिन मूल्यों के साथ हमने भारत के संविधान को आत्मार्पित किया था उनको भुलायें जाने की साज़िश की जा रही है।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की मान्यता है कि नीति के साथ नीयत भी साफ होनी चाहिए। जनहित की जो तमाम योजनाएं समाजवादी सरकार में लागू की गई थीं उनमें भेदभाव की दृष्टि नहीं थी। नीयत दुःखी के आंसू पोंछने और अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को भी जीवन की मूलभूत आवश्यकताएं उपलब्ध कराने की थी।
उन्होने कहा कि समाजवादी सरकार की नीतियां बेसहारा का सहारा बनने और बेजुबान की आवाज बनने की थी। समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन इसलिए बना है कि वह राजनीति को रचनात्मक और विकास परक दिशा दे सकें। आज ज़हर घोलने वाले मनमानी कर रहे हैं। इन पर बंदिश लगना चाहिए। भारत ने गतवर्षों में राजनीति को कुछ निहित स्वार्थो का बंधक बनते हुए पाया है। अवसरवादिता को विस्तार मिला है।
अखिलेश यादव ने कहा कि केन्द्र और राज्य में भाजपा सरकारों ने अब तक एक ही बात सीखी है कि समाजवादी पार्टी के कार्यों पर अपना ठप्पा लगाकर उसका श्रेय ले लो। अक्षयपात्र योजना समाजवादी सरकार ने शुरू की थी उसे भगवा रंग देना अनैतिकता की हद है। कुम्भ की जो व्यवस्था समाजवादी सरकार में हुई थी उसकी प्रशंसा विदेशों तक में हुई थी। हार्वर्ड विश्वविद्यालय के शोधार्थी उसका अध्ययन करने आए थे। भाजपा सरकार द्वारा उसके बारे में तथ्यहीन और अपने कार्यकाल का अतिरंजित विवरण देना स्वस्थ परम्परा नहीं है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अब इन जनविरोधी और लोकशाही को कुंठित करने वाली प्रवृत्तियों के प्रतिरोध की जरूरत है। वैसे भी जीत अंततः जनता की ही होती है उसकी आशा-आकांक्षाओं से जो खिलवाड़ करेगा, जनता उसे माफ नहीं करेगी। भाजपा को सत्ता से बेदखल करना भारत के हित में सर्वोपरि है।