लखनऊ , लोकतंत्र के पक्ष में आवाज उठाने वालों को योगी सरकार तानाशाही तरीके से रोकना चाहती है। यह आरोप समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लगाया है।
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी अपने राजनीतिक विरोधियों को फर्जी मुकदमें लगाकर प्रताडि़त और बदनाम करना चाहती है। रामपुर के सांसद आजम खां के समर्थन में सम्पन्न साइकिल रैली का स्वागत करने के बाद अखिलेश यादव ने पत्रकारों से कहा कि प्रदेश के अलावा शायद ही किसी राज्य में नेताओं पर तमाम मुकदमें दर्ज हुए है। लोकतंत्र के पक्ष में आवाज उठाने वालों को यह तानाशाही तरीके से रोकना चाहती है।
उन्होने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं पर 10 हजार से ज्यादा मुकदमें दर्ज हुए हैं। चार साल से झूठे मुकदमें लगाकर लोगों को अपमानित करने का काम जारी है। मंहगाई के खिलाफ बोलने पर गम्भीर धाराओं में मुकदमें लगा दिए जाते हैं।
श्री यादव ने कहा भाजपा साजिशन जौहर विश्वविद्यालय को बंद कराना चाहती है। मोहम्मद आजम खां प्रदेश में काबीना मंत्री रहे है, रामपुर से सांसद है, उनकी पत्नी राज्यसभा सदस्य रही अब विधायक हैं, उनके अलावा उनके बेटे मोहम्मद अब्दुल्ला पर भी तमाम मुकदमें लगाए गए है। ये सारे मुदकमें राजनीतिक किस्म के हैं, साजिश के तहत है। इस सम्बंध में राज्यपाल को ज्ञापन दिया गया है। उम्मीद है कि वे इस सम्बंध में कुछ काम करेंगी।
उन्होने कहा कि नौजवानों के पास काम नहीं है। सरकार दावा करती है कि प्रतिव्यक्ति आय वृद्धि हुई है। दुःखद है कि मुख्यमंत्री भाजपा के संकल्प पत्र को गीता की तरह पवित्र मानते हैं। इस भाजपा सरकार ने 4 वर्षों में कुछ किया नहीं, समाजवादी सरकार के कामों को ही अपना बता रहे हैं। उस समय जो प्रोजेक्ट बने थे उन पर शिलान्यास के अपने पत्थर लगाए जा रहे हैं।
श्री यादव ने कहा कि यूपी की सरकार बताये कितने वादे उसने पूरे किए। जिस लोकभवन में बैठते हैं उसमें बैठकर झूठ नहीं बोलना चाहिए। इस सरकार में सबसे ज्यादा एनकाउण्टर हुए हैं। लोगों को चिह्नित करके मारा गया है, जेल में हत्याएं हुई हैं। मुख्यमंत्री कहते है कि ठोको तो पुलिस क्या करें। पंचायत चुनाव से सरकार भाग रही है।
उन्होने कहा कि कई सांसद देने के बावजूद उत्तर प्रदेश के लोगों से धोखा हो रहा है। डीजल-पेट्रोल का मुनाफा कहां जा रहा है। कर्मचारियों के वेतन में कटौती हुई। प्रतिव्यक्ति आय दुगनी कहां हुई। किसानों को फसलों की एमएसपी नहीं मिली, महंगाई से कृषि लागत जरूर बढ़ गई। सरकार बड़े-बड़े विज्ञापन देकर झूठे दावे कर रही है। उत्तर प्रदेश में जो भी इन्फ्रास्ट्रक्चर के काम हुए है वह चाहे एक्सप्रेस-वे, मेट्रो, बिजली के कारखाने या अस्पताल हो, शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय हों या सिंचाई सभी समाजवादी सरकार के समय के काम हैं।