अमेरिका के इस कृत्य को अखिलेश यादव ने बताया घातक, मित्रता पर सरकार को घेरा ?

लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अमेरिका पर सीधा निशाना साधते हुये मोदी सरकार से उसके साथ मित्रता पर सरकार की जबर्दस्त घेराबंदी की है। ?

अखिलेश यादव ने कहा कि अमेरिका के ‘अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग’ द्वारा भारत को कड़ी निगरानी वाले देशों की श्रेणी में डालना, वैश्विक स्तर पर हमारे देश की पंथनिरपेक्ष छवि के लिए बेहद घातक साबित होगा।

उन्होने केंद्र की मोदी सरकार पर दबाव बनाते हुये कहा कि भाजपा सरकार को अपने ‘मैत्रीपूर्ण’ संबंधों के परिप्रेक्ष्य में तत्काल अपना पक्ष रखना चाहिए।

दरअसल, अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अपनी सालाना रिपोर्ट के 2020 के संस्करण में आरोप लगाया है कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में चीजें नीचे की ओर जा रही हैं और भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है भारत में धार्मिक आजादी के उल्लंघन पर अतिरिक्त चिंता करने की जरूरत है। इसमें कहा गया है कि भारत धार्मिक आजादी के उल्लंघन में शामिल है। यूएससीआईआरएफ ने भारत समेत 14 देशों में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ने का आरोप लगाया और अमेरिका के विदेश विभाग से इन देशों को ‘विशेष चिंता वाले देश’ घोषित करने को कहा । आयोग ने कहा यहां व्यवस्थित तरीके से ऐसा होने के बाद भी इसे बर्दाश्त किया जा रहा है।

इसमें आयोग ने भारत के बारे में अमेरिका के विदेश मंत्रालय को कई सुझाव दिए हैं। अमेरिका अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग ने कहा कि इसमें नौ ऐसे देश हैं जिन्हें दिसंबर, 2019 में सीपीसी नामित किया गया था वे म्यांमार, चीन, एरिट्रिया, ईरान, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान, सऊदी अरब, तजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान हैं। उनके अलावा उसमें पांच अन्य देश– भारत, नाईजीरिया, रूस, सीरिया और वियतनाम हैं।

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