लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि किसानों की अतिरिक्त सहायता बेहद जरूरी है। स्मरण रहे प्रधानमंत्री जी द्वारा लोकसभा चुनाव के पूर्व रूपया 2000 हजार तीन माह तक देने की घोषणा की गई थी। अब तो कोरोना महामारी की आपदा के समय जब किसानों के सामने आर्थिक संकट है। इस विपत्ति में फंसे लोगों से सभी राजस्व वसूली रोकी जाए, बैंक ऋणों पर ब्याज माफ हो।
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कोरोना संकट सरकारी और गैर सरकारी प्रयासों के बावजूद अभी थम नहीं रहा है। इसके प्रति जनता को जागरूक करने के काम में मेडिकल कर्मी, मीडिया कर्मी, स्वयंसेवी संगठन तथा आवश्यक सेवाओं से जुड़े अन्य विभागीय कर्मचारी सराहनीय साहसिक ढंग से अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। लेकिन अचानक लाॅकडाउन से कुछ समस्याएं भी सामने आ रही हैं जिनकी ओर अभी सरकारी तंत्र अपेक्षित ध्यान नहीं दे रहा है।
बड़े-बड़े दावे तो कर रही है सरकार, लेकिन नहीं है कोई इंतजाम। गोण्डा, बलरामपुर, प्रयागराज समेत कई जिलों में क्वारंटाइन सेंटर बदहाली का शिकार। जिन लेखपालों के जिम्मे भोजन एवं स्वास्थ्य सामाग्रियों की जिम्मेदारी है वे नदारद मिल रहे हैं। अव्यवस्था के इस आलम में कैसे जीती जाएगी कोरोना से जंग?
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वैसे भी जब से भाजपा सत्तारूढ़ हुई है तब से किसानों की आफत का दौर शुरू हुआ जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। किसानों के उत्पाद मण्डी तक पहुंचाने की व्यवस्था हो। फल, सब्जी का उचित मूल्य मिले, खेतों में खड़ी फसलों के काटने की व्यवस्था हो। गन्ना किसानों का पूरा बकाया भुगतान तत्काल कराया जाये। किसान सम्मान राशि बंद है। उसे तत्काल शुरू किया जाये।
अखिलेश यादव ने कहा है कि बिना कार्ड धारक गरीबों को भी राशन के साथ हजार रूपए की आर्थिक मदद दी जाए, छात्र-छात्राओं की फीस माफी की जाए तथा गरीब महिलाओं के लिए समाजवादी पेंशन का तुरन्त भुगतान किया जाए।
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