अखिलेश यादव का बड़ा सवाल, पीपीई किट घोटाले में मुख्यमंत्री खामोश क्यों?

लखनऊ, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार द्वारा डाॅक्टर्स एवं नर्सिंग स्टाफ की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री जी एवं टीम इलेवन की रोज-रोज हो रही बैठक के बाद भी पीपीई किट की गुणवत्ता मानक के अनुरूप नहीं है और यही घटिया किट मेडिकल कालेजों में सप्लाई की गई है। इसका खुलासा जीआईएमसी, नोएडा निदेशक एवं प्रधानाचार्य मेरठ द्वारा उनके कालेज/संस्थान में यूपी मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन से आपूर्ति अधोमानक पीपीई किट पाए जाने से हुआ है। इस अधोमानक पीपीई किट की आपूर्ति तथा इसके इस्तेमाल से कोरोना वायरस से निपटने वाले स्टाफ का जीवन स्वयं संकट में पड़ने की स्थिति में आ सकता है।

टीम इलेवन और मुख्यमंत्री जी इस घोटाले की जिम्मेदारी से पलायन नहीं कर सकते हैं। इस तरह के और तमाम घोटालों की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। राज्य सरकार को बताना चाहिए कि अब तक कितनी किट वापस हुई है? 13 अप्रैल 2020 से पूर्व हुई शिकायत पर क्या कार्यवाही हुई और मुख्यमंत्री जी इस पर खामोश क्यों हैं?

समाजवादी पार्टी ने सरकार को अनेक बार मानक पीपीई किट की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए मांग की थी। लेकिन भाजपा सरकार को जैसे कोई चिंता ही नहीं है। यह घोटाला एक गम्भीर प्रकरण है। अब तो डाॅक्टर और भी चिंतित और सतर्क हो जायेंगे कि सरकार उनके प्रति इस हद तक लापरवाह हो सकती है। लगता है कि राज्य सरकार और मुख्यमंत्री जी कोरोना की गम्भीरता से अनभिज्ञ हैं अन्यथा क्या कारण है कि इतना बड़ा घोटाला हो जाये, और मुख्यमंत्री जी अनजान बने रहे? आपात स्थिति में भी भ्रष्टाचार, भाजपा सरकार बेमिसाल।

समाजवादी पार्टी द्वारा जनहित में लगातार सार्थक सुझाव और शिकायतें की जाती रही है। विपक्ष की बात को अनसुना करना लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। भाजपा और उनकी सरकार की कार्यशैली न सिर्फ गैर गम्भीर है बल्कि अलोकतांत्रिक भी है।

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