लखनऊ, अयोध्या ढांचा विध्वंस मामले में अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और पूर्व गृह मंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती और पूर्व राज्यपाल कल्याण सिंह की गवाही 4 जून को दर्ज होगी. दरअसल, दरअसल, लॉकडाउन की वजह से सभी 32 आरोपियों की तरफ से समय मांगा गया.
अयोध्या प्रकरण में विशेष कोर्ट ने 28 मई को पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ.मुरली मनोहर जोशी व उमा भारती समेत 32 आरोपियों को बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया था। आरोपियों के वकीलों ने कोर्ट को बताया कि यह भी लोग अलग-अलग राज्यों में रहते हैं। केंद्र सरकार ने लॉकडाउन के तहत बुजुर्गों की यात्रा पर रोक लगा रखी है।
कोर्ट ने चार जून की तारीख देते हुए कहा कि इस दिन सभी आरोपी कोर्ट में हाजिर हों। कोर्ट को 31 अगस्त से पहले फैसला सुनाना है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए गवाह जगत बहादुर अग्रवाल की गवाही के साथ-साथ अभियोजन साक्ष्य बुधवार को समाप्त हो था।
अयोध्या प्रकरण के विशेष न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार यादव की अदालत ने बयान दर्ज करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह समेत सभी 32 आरोपितों को 28 मई को कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था। विवादित ढांचा ढहाए जाने की रिपोर्ट छह दिसंबर 1992 को थाना राम जन्मभूमि में दर्ज कराई गई थी। विवेचना के दौरान आरोपितों के विरुद्ध विशेष अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।
इस मामले के विचारण के दौरान 17 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। मौजूदा समय में कल्याण सिंह लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार, राम विलास वेदांती, चंपत राम बंसल एवं महंत नृत्य गोपाल दास समेत 32 आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा चल रहा है।