लखनऊ, लोकसभा चुनाव के परिणाम आ चुकें हैं। सरकार को लेकर दोनों गठबंधन रस्सा कस्सी में लग गयें हैं। बीजेपी नीत एनडीए गठबंधन की स्थिति उतनी अच्छी नहीं दिख रही, जितनी कि राजनीतिक रणनीतिकारों ने अनुमान जताया था.
प्रशांत किशोर और योगेंद्र यादव दो ऐसे शख्स हैं जिन्होंने 7वें चरण की वोटिंग से ठीक पहले लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भविष्यवाणी की थी। प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि इस बार बीजेपी और एनडीए 2019 वाला प्रदर्शन दोहराएगा। वहीं योगेंद्र यादव ने दावा किया था कि बीजेपी किसी भी कीमत पर अकेले दम पर बहुमत नहीं हासिल कर पाएगी। जबकि ज्यादातर एग्जिट पोल के दावे तो बिल्कुल उलट साबित हुये। वे एनडीए को 400 पार की बात कर रहे थे.
पॉलिटिकल स्ट्रैटेजिस्ट प्रशांत किशोर ने पांचवे चरण के बाद भाजपा को लोकसभा चुनाव में लगभग 300 सीटें मिलने की संभावना बताते हुये कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कोई व्यापक गुस्सा नहीं है. मुझे लगता है कि भाजपा पिछले लोकसभा चुनाव में मिली संख्या के बराबर ही सीटें हासिल करने में सफल रहेगी, जो कि 303 सीटें या शायद उससे थोड़ी बेहतर है.’ 300 सीटों के अनुमान पर विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा था कि भाजपा को लोकसभा चुनाव में उत्तर और पश्चिम क्षेत्रों में कोई भौतिकवादी नुकसान (materialist damage) नहीं हो रहा है, जबकि दक्षिण और पूर्व (बिहार, बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल) में उसकी सीटों में वृद्धि देखी जाएगी.
अब बात करते हैं योगेंद्र यादव की. राजनीतिक रणनीतिकार योगेंद्र यादव ने भविष्यवाणी की थी कि बीजेपी अकेले 260 से अधिक सीटों को पार नहीं कर पाएगी और 300 का आंकड़ा पार करना असंभव होगा. उनके सर्वेक्षण पूर्वानुमान में यह भी कहा गया था कि भगवा पार्टी 275 या 250 सीटों के निशान से भी नीचे रह सकती है. योगेंद्र यादव ने कहा था कि भाजपा का ‘400 पार’ का दावा संभव नहीं होगा.
यादव ने अनुमान लगाया था कि बीजेपी 240 से 260 सीटें जीतेगी और उसके एनडीए सहयोगी 35 से 45 सीटें हासिल करेंगे. इस तरह से एनडीए को 275 से 305 सीटें मिलेंगी. योगेंद्र यादव ने भविष्यवाणी की थी कि कांग्रेस 85 से 100 सीटें जीतेगी, और उसके INDIA ब्लॉक के सदस्यों को 120 से 135 सीटें मिलेंगी, जिससे विपक्ष के नेतृत्व वाले गठबंधन को 205 से 235 सीटें मिलेंगी.
योगेंद्र यादव ने यह भी बताया था कि एनडीए गठबंधन में जो-जो दल हैं, उनके चुनाव के बाद टिकने की उम्मीद नहीं है. घटक दलों में बीजेपी के बाद तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभर सकती है. योगेंद्र यादव के मुताबिक, दक्षिण भारत में टीडीपी चीफ चंद्रबाबू नायडू का पीएम नरेंद्र मोदी से छत्तीस का आंकड़ा है. चंद्रबाबू नायडू चार जून की सुबह तक तो पीएम नरेंद्र मोदी के साथ हैं पर चार जून, 2024 की शाम तक साथ रहेंगे या नहीं, यह चुनावी नतीजों पर निर्भर करेगा. आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू को अगर सरकार चलाने के लिए बीजेपी की जरूरत पड़ेगी तभी वह मोदी के साथ रहेंगे नहीं तो वह अलग हो सकते हैं. एनडीए के साथ जो दल बंधा है, वह सिर्फ एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना है.