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जवानों और हथियारों के साथ, सेना के लिये ये भी जरूरी है दुश्मन को निपटाने के लिये

नयी दिल्ली , भविष्य की लड़ाईयों में दुश्मन को निपटाने के लिये जवानों और हथियारों के साथ, सेना के लिये कुछ और भी जरूरी है।

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज कहा कि मोर्चों पर जवानों और हथियारों की तैनाती जरूरी है लेकिन सैन्य प्रौद्योगिकी में महारत वाली सेना भविष्य की लड़ाईयों में दुश्मन पर भारी पड़ेगी।

जनरल रावत ने यहां सैन्य प्रौद्योगिकी पर सेमिनार को संबोधित करते हुए कहा कि मोर्चों पर जवानों तथा हथियारों की तैनाती का महत्व बना रहेगा लेकिन भविष्य की लड़ाइयों में सैन्य प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल बढ रहा है तथा इससे दुश्मन पर बढत पाने में जरूरी मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि सेना जरूरी प्रौद्योगिकी अपनाने की प्रवृति और नवाचार की संस्कृति को बढाने में आगे रही है। भविष्य में दोहरे इस्तेमाल वाली प्रौद्योगिकी पर भी उन्होंने पूरा जोर दिया और कहा कि सेना को उद्योग के प्रति खुला दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।

इस सेमिनार ने सेना, शैक्षणिक हस्तियों और उद्योग को मौजूदा तथा नयी प्रौद्योगिकी पर गहन मंथन के लिए एक महत्वपूर्ण मंच उपलब्ध कराया। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों के चार लोगों को उनके क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सेमिनार में चुनिंदा स्टार्ट अप ने अपने शोध कार्य तथा उपलब्धियों को पेश किया और विभिन्न क्षेत्रों के थिंक टैंक ने भी अपने विचार रखे।

सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो़ के विजय राघवन, सेना उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरावणे और तीनों सेनाओं के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सेमिनार में हिस्सा लिया।