अंबाजी , गुजरात में अंबाजी के प्रह्लाद जानी उर्फ चुंदडी (चुनरी) वाले माताजी का मंगलवार को निधन हो गया।
पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि वह 90 वर्ष के थे और करीब 76 साल से बिना कुछ खाए-पिए जीवित रहे। गांधीनगर के चराडा गांव स्थित अपने घर में करीब 15 दिन से वह बीमार थे। जहां आज तडके उन्होंने अंतिम सांस ली।
चुंदडी वाले माताजी के अनुयायी महेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि प्रह्लाद दावा करते थे कि वह मां अंबे के भक्त हैं इसलिए उन्हें अन्न-जल लेने की जरूरत जरूरत नहीं पड़ती। जिसके लिए अहमदाबाद के एक अस्पताल में मेडिकल टेस्ट भी किया गया था। इस दौरन उन पर कैमरों से नजर भी रखी गई। लेकिन पता नहीं चला कि बिना अन्न-जल के वह कैसे जीवित थे। वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा सके थे कि बिना खाने के वह इतने साल कैसे जिए। वैज्ञानिकों के लिए भी वह एक पहेली थे।
वह बचपन से ही महिलाओं की तरह श्रृंगार कर मां अंबे की भक्ति में डूबे रहे। इसलिए उन्हें चुंदडी वाली माताजी भी कहा जाता था। उन्हें 28 मई को अंबाजी में समाधी दी जाएगी।