अंतर्राष्ट्रीय रामायण उत्सव में अमित शाह ने रामायण को लेकर कही ये अहम बात
September 17, 2019
नई दिल्ली , केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज कहा कि रामायण भाषाओं की मर्यादा लांघकर भारतीय संस्कृति की राजदूत बनकर अनेक देशों में पहुंची है।
श्री शाह ने यहां भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद द्वारा आयोजित पांचवें अंतर्राष्ट्रीय रामायण उत्सव में कहा कि भारतीय संस्कृति के प्रचार.प्रसार के सभी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए रामायण मंचन से अच्छा कोई कार्यक्रम नहीं हो सकता।
उन्होंने कहा कि रामायण केवल एक चरित्र की घटना नहीं है।
इसमें महर्षि वाल्मीकि ने मानवीय जीवन की सारी ऊंचाइयों को भूले बगैर जीवन को रेखांकित करने का काम किया है और आने वाले समय में पतन के कारणों को भी इंगित किया है।
श्री शाह ने कहा कि महाकाव्य में राजा के कर्तव्यों का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत किया गया है।
राजा द्वारा धैर्य के साथ अपने पिता की बात मानने के लिए कितना बलिदानए कितना त्याग किया जा सकता है यह भी इसमें दर्शाया गया है।
रामायण का दुनिया की अनेक भाषाओं में भावा.अनुवाद हुआ है और वह विभिन्न देशों में भारतीय संस्कृति की राजदूत बनकर पहुंची है।
उन्होंने कहा कि यह केवल संस्कृति की उद्घोषणा करने वालाए आदर्श जीवन को समझाने वाला काव्य नहीं है बल्कि इसके संवाद नीतिशास्त्र, प्रशासन, युद्ध शास्त्र तथा ज्ञान विज्ञान का भी परिचय देते हैं।
उन्होंने कहा कि रामायण से ज्ञात होता है कि जब स्त्री की मर्यादा का लोप होता है तब राज्य का लोप होता है, संस्कृति का लोप होता है।
उन्होंने महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि जब काका साहेब कालेलकर के कहने पर कौटिल्य के नीतिशास्त्र की प्रस्तावना एक वाक्य में लिखनी थी तब गांधी जी ने लिखा था कि यह ग्रंथ नहीं है महाग्रंथ है।
इसी तरह रामायण को पढ़ने के बाद व्यक्तिगत जीवन, सामाजिक जीवन तथा देश की सारी समस्याओं का समाधान मिल सकता है।