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अपने चुनाव क्षेत्र की उपेक्षा से नाराज बीजेपी विधायक ने दिया इस्तीफा

वडोदरा, अपने चुनाव क्षेत्र की उपेक्षा से नाराज बीजेपी विधायक ने इस्तीफा दे दिया। गुजरात में वडोदरा जिले के सावली से भाजपा विधायक केतन इनामदार ने बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इनामदार का आरोप है कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और मंत्रियों ने उन्हें और उनके चुनाव क्षेत्र की उपेक्षा की।

इनामदार ने यह भी दावा किया कि भाजपा में बहुत से विधायक उनकी तरह “हताश” हैं। इसी बीच कांग्रेस ने इनामदार को विपक्षी दल में शामिल होने का न्योता दिया है। हालांकि भाजपा को विश्वास है कि वह इनामदार को इस्तीफा वापस लेने के लिए मना लेगी।

भाजपा नेता ने कहा कि वह अपनी ही पार्टी के नेताओं और कुछ नौकरशाहों से अपमानित महसूस कर रहे हैं। इनामदार ने पीटीआई-भाषा से कहा, “ऐसा लगता है कि इस सरकार में किसी विधायक का सम्मान और प्रतिष्ठा सुरक्षित नहीं है। मैंने भाजपा नेताओं और नौकरशाहों के उपेक्षा भरे रवैये के कारण इस्तीफा दिया है। उन्होंने एक चुने हुए प्रतिनिधि को वह सम्मान नहीं दिया जो दिया जाना चाहिए था।” विधायक ने कहा कि उनके चुनावी क्षेत्र की समस्याओं को लेकर भाजपा के मंत्री और नौकरशाह उनकी बात नहीं सुनते।

उन्होंने कहा, “मैंने ईमेल के जरिये विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी, मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और राज्य भाजपा अध्यक्ष जीतू वाघानी को इस्तीफा सौंप दिया है।” भाजपा प्रवक्ता भरत पंड्या ने कहा कि पार्टी का नेतृत्व इनामदार से बात कर मामले को सुलझा लेगा। इसी बीच गुजरात विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धनानी ने कहा कि इस प्रकरण से गुजरात में भाजपा की वर्तमान स्थिति को उजागर कर दिया है।
उन्होंने कहा, “मैं इनामदार को कांग्रेस पार्टी में शामिल होने का प्रस्ताव देता हूँ।”

इनामदार को सावली विधानसभा से 2012 में निर्दलीय चुना गया था। वे बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। इनामदार 2017 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खुमानसिंह चौहान को हराकर भाजपा के टिकट पर दोबारा चुनकर आए थे। इनामदार ने स्पष्ट किया कि उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से नहीं बल्कि विधायक के पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा, “मैं अगले दो दिन में संवाददाता सम्मेलन कर अपने इस्तीफे का कारण बताऊंगा।”