23 कृतियों के अनुवादकों को साहित्य पुरस्कार देने की घोषणा
February 24, 2020
नयी दिल्ली, तुलसी दास के ‘रामचरित मानस’ गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर के उपन्यास ‘गोरा’, रामधारी सिंह दिनकर की ‘रश्मिरथि’ और कृष्णा सोबती की ‘जिंदगीनामा’ समेत 23 कृतियों के अनुवाद के लिए इस बार साहित्य अकादमी का अनुवाद पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की गयी है।
साहित्य अकादमी के अध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रत्येक भाषा की चयन समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी गयी। यह अनुदित कृतियां एक जनवरी 2013 से लेकर 31 दिसंबर 2017 के बीच प्रकाशित हुई हैं। प्रत्येक विजेता अनुवादक को पुरस्कार में 50 हजार की राशि, एक प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न प्रदान किया जाएगा।
साहित्य अकादमी द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार कल्हण की ‘रजतरंगिणी’ के असमिया अनुवाद के लिये नवकुमार हांडी को, टैगोर के ‘गोरा’ के कश्मीरी अनुवाद के लिये रत्न लाल जौहर को, ‘जिंदगीनामा’ के कोंकणी अनुवाद के लिये जंयती नायक को और केदारनाथ सिंह के ‘अकाल में सारस’ कविता संग्रह के मैथिली में अनुवाद के लिये केदार कानन और ‘रामचरित मानस’ के मलायलम अनुवाद के लिये सीजी राजगोपाल को और काजी नजरुल इस्लाम के ‘विद्रोही और अन्य कविता’ के मणिपुरी अनुवाद को और नसीरुद्दीन शाह के ‘एंड देन वन डे’ के मराठी अनुवाद के लिये सई परांजपे को और आर के नारायण के उपन्यास ‘ग्रैंडमदर टेल’ के नेपाली अनुवाद के लिये सचिन राय दुमी को और मंटो की किताब ‘देश वंद दे लहू दे रंग’ के पंजाबी अनुवाद के लिये प्रेम प्रकाश को यह पुरस्कार दिया जाएगा।