अगरतला , त्रिपुरा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी दल इंडिजीनिस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के बीच आदिवासियों के विकास के मुद्दों को लेकर टकराव बढ़ता ही जा रहा है।
इस बीच, आईपीएफटी की ओर से त्रिपुरा आदिवासी क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (एडीसी) के मुख्यालय पर बुलाया गया 24 घंटे का बंद शांतिपूर्ण रहा और आज सुबह समाप्त हो गया। आईपीएफटी अपने एक समर्थक की गिरफ्तारी का भी विरोध कर रहा है।
यह हड़ताल शांतिपूर्ण रही और इस दौरान कोई भी अप्रिय घटना नहीं हुई। आईपीएफटी के नेताओं और विधायकों ने मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यदि सरकार आदिवासियों के विकास से जुड़े हुए मुद्दों पर ध्यान नहीं देगी तो गठबंधन टूट सकता है।
आईपीएफटी के विधायक बृषकेटु देबबर्मा ने गुरुवार को खुमलंग में समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा गठबंधन के सिद्धांतों का पालन नहीं कर रही है और गैर-जरूरी वक्तव्य देकर लोगों को मूर्ख बना रही है। आईपीएफटी के समर्थक आदिवासियों के विकास से जुड़े हुए मुद्दों को उठा रहे हैं लेकिन पुलिस उन्हें बेवजह परेशान कर रही है।
आईपीएफटी नेता ने कहा, “ त्रिपुरा सरकार में गठबंधन सहयोगी होने के कारण लोग हमसे भाजपा की ओर से किए गए चुनावी वादों के बारे में पूछ रहे हैं। भाजपा ने चुनाव से पहले बहुत बड़े-बड़े वादे किए थे जिन पर आम जनता की तरह हमने भी विश्वास कर लिया था, लेकिन अब वे झूठे प्रतीत हो रहे हैं। हम विधायक के तौर पर अपने-अपने क्षेत्रों में विरोध का सामना कर रहे हैं। विधायकों के पास कोई शक्ति नहीं है और ऐसा लगता है कि धीरे-धीरे सत्ता काे केन्द्रित किया जा रहा है।”
आईपीएफटी नेता ने कहा कि आदिवासी विकास और एडीसी के सशक्तिकरण को लेकर कईं वादे किए गए थे लेकिन पिछले ढाई वर्षों में कुछ भी नहीं हुआ है। पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। राज्य के लोग स्वास्थ्य कल्याण, शिक्षा, जन सेवाओं तथा कानून एवं व्यवस्था की मौजूदा स्थिति को लेकर सरकार से काफी नाराज हैं। इन सभी चीजों के लिए आईपीएफटी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है लेकिन हम यह अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते। भाजपा आईपीएफटी को ग्रामीण क्षेत्रों में कमजोर करने का प्रयास कर रही है, लेकिन वह सफल नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि हमारे समर्थकों को झूठे आरोप में नहीं फंसाया जा सकता। हम सरकार से जल्द से जल्द अपने समर्थक प्रदीप देबबर्मा को रिहा करने की मांग करते हैं। पुलिस ने उन पर भाजपा कार्यालय पर हमला करने का झूठा आरोप लगाकर उन्हें फंसाया है।