चंडीगढ़, पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने प्रदेश की वित्तीय हालत को देखते हुये विधायकों के पेंशन फार्मूले में बदलाव करने का बड़ा फैसला लिया है।
भगवंत मान ने शुक्रवार को ट्वीट किया, “आज हमने एक और बड़ा फैसला लिया है कि प्रदेश विधायकों के पेंशन फार्मूले में बदलाव किया जायेगा। विधायक अब केवल एक पेंशन ही ले सकेंगे। हजारों करोड़ रूपये विधायकों की पेंशन पर खर्च किया जाता रहा है लेकिन अब इसे राज्य के लोगों के हित में खर्च किया जायेगा।”
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है। हमारे नौजवान डिग्रियां लेकर घर पर हैं क्योंकि जब वे नौकरी मांगने जाते हैं तो उन पर लाठियां, पानी की बौछार पड़ती है लेकिन नौकरी नहीं मिलती। अब पंजाब में जो विधायक एक से कई बार विधायक रहते है और या फिर हार जाते हैं तथा वे सांसद रहते हुये भी विधायक की पेंशन लेते हैं, लेकिन अब वे केवल एक ही पेंशन लेंगे। कुछ विधायक तो लाखों रुपये पेंशन के रूप में ले रहे हैं जिससे खजाने पर करोड़ों का बोझ पड़ता है। अब प्रदेश सरकार बड़ा फैसला करने जा रही है कि विधायक को एक टर्म की पेंंशन मिलेगी । शेष पैसा लोक भलाई पर खर्च होगा । इसके अलावा पारिवारिक पेंशन में भी कटौती की जा रही है।
सरकार के इस फैसले का विपक्ष ने भी स्वागत किया है। कांग्रेस के विधायक सुखपाल खेहरा ने भगवंत सरकार के फैसले का स्वागत करते हुये कहा कि हम इस कदम का समर्थन करते हैं। प्रदेश हित में किये जाने वाले हर कदम का हम स्वागत करेंगे। पंजाब पहले ही कर्ज में डूब चुकी है ऐसे हालात में ये कदम स्वागत योग्य है। सरकार अच्छा काम करेगी तो उसका स्वागत होगा ।
उन्होंने कहा कि वैसे तो जितना पंजाब पर कर्ज है तथा प्रदेश के खर्चे पूरे करने के लिये इतनी कटौती से पैसे पूरे तो नहीं होंगे। पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह चुनाव के दौरान अपना गणित समझाया था कि सरकार का खर्च पूरा करने के लिये सरकार जोड़ घटा करके प्रबंध कर लेगी लेकिन यह उतना आसान नहीं। कथनी और करनी में बड़ा अंतर है और जहां तक खनन से पैसा आने का सवाल है तो इसमें भी उतना स्कोप नहीं जितना श्री केजरीवाल कह रहे थे ।
शिरोमणि अकाली दल के विधायक मनप्रीत अयाली ने भी इस फैसले का स्वागत किया है।