लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वाले आरोपियों के होर्डिंग के साथ एक और होर्डिंग लगा दी गई है। जिसके बाद विवाद बढ़ गया है।
लखनऊ के लोहिया चौराहे पर गुरुवार देर रात प्रशासन द्वारा लगाई गईं ‘उपद्रवियों’ की होर्डिंगों के पास ही दूसरी होर्डिंग लगवाईं गईं हैं।
इन होर्डिंगों पर लिखा है, ‘ये हैं प्रदेश की बेटियों के आरोपी, इनसे रहें सावधान’।
इन होर्डिंगों पर लॉ स्टूडेंट से रेप के आरोपी पूर्व केन्द्रीय मंत्री चिन्मयानंद और उन्नाव रेप केस के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर की तस्वीरें लगी हैं।
इन होर्डिंगों पर ‘बेटियां रहें सावधान, सुरक्षित रहे हिंदुस्तान’ भी लिखा है।
ये होर्डिंग समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह ने लगवाईं हैं।
होर्डिंगों की तस्वीरों को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने ट्विटर पर भी शेयर किया है।
आईपी सिंह ने लिखा, ‘जब प्रदर्शनकारियों की कोई निजता नहीं है और हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी योगी सरकार होर्डिंग नहीं हटा रही है तो ये लीजिए फिर। लोहिया चौराहे पर मैंने भी कुछ कोर्ट द्वारा नामित अपराधियों के पोस्टर जनहित में जारी कर दिए हैं, इनसे बेटियां सावधान रहें।’
वहीं दूसरी ओर इन होर्डिंगों के लगने की जानकारी मिलते ही पुलिस तुरंत ऐक्टिव हुई और मौके पर पहुंचकर इन्हें हटवाया।
होर्डिंगें हटवाए जाने की खबर मिलने के बाद आईपी सिंह ने ट्वीट किया, ‘आधी रात को ‘बेटियों के आरोपियों’ का पोस्टर लगते ही पूरा पुलिस महकमा ‘सेंगर और चिन्मयानंद’ की इज्जत बचाने में लग गया। अगर यही तत्परता पुलिस बेटियों की सुरक्षा में दिखाती तो अपराध में यूपी नम्बर वन नहीं बनता। यूपी सरकार का हाथ,अपराधियों के साथ। योगी सरकार पूरी तरह एक्सपोज हो गई।’
नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वाले आरोपियों के होर्डिंग लगवाने को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लेते पोस्टरों को हटवाने का आदेश दिया था। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ यूपी सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची और सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई को तीन जजों की बेंच में ट्रांसफर कर दिया है।