नयी दिल्ली , कोरोना के अलावा अन्य गंभीर रोगों के इलाज के लिये केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दियें है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन ने कहा है कि किडनी रोगों, कैंसर उपचार, मधुमेह, गर्भवती महिलाओं और दिल की बीमारियों के मरीजों के इलाज पर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है और सभी राज्यों को इस तरह की बीमारियों वाले मरीजों के लिए सभी सुविधाएं सुनिश्चित करने को कहा गया है।
सुश्री सूदन ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों और जिलों के प्रतिनिधियों से स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे और कोविड -19 से निपटने के लिए की जा रही तैयारियो के बारे में जानकारी लेते हुए कहा कि इस समय अन्य आवश्यक मेडिकल सेवाओं की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए।
उन्होंनें जीआईएस डेशबोर्ड की कार्यप्रणाली, कोविड -19 पोर्टल और आरटीपीसीआर रेफरल एप की उपयोगिता पर प्रकाश डाला और सभी राज्यों से कहा कि वे लोगों को आरोग्य एप को बढ़ावा देने की दिशा में कदम उठाएं क्योंकि यह कारेाना की रोकथाम के लिए एक स्वयं आकलन उपकरण है।
इस दौरान भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद(आईसीएमआर) के महानिदेशक डा़ बलराम भार्गव ने कोरोना नमूनों को लेने में सतर्कता बरते जाने पर जोर देते हुए कहा कि राज्यों को इस बात की जानकारी दे दी गई है कि आरटीपीसीआर एप को क्रियाशील कर दिया गया है और इसे तत्काल इस्तेमाल किए जाने की आवश्यकता है।
देश में अभी कोरोना के 770764 नमूनों की जांच हो चुकी है और इस समय रोजाना 60 हजार कोरोना जांच की जा रही है तथा केन्द्र सरकार का इरादा अगले कुछ दिनों में इसे बढ़ाकर एक लाख प्रतिदिन करने का है।