लखनऊ , यूपी के कई विकास खण्डों में हर साल भूजल में बड़ी गिरावट आरही है? यह बात उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भूजल सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित करते हुये कही।
पानी को प्रकृति की अमूल्य संपदा बताते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भूजल संरक्षण जनसहभागिता के बगैर संभव नहीं है।
सीएम योगी ने भूजल सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित करते हुये कहा “ हमारे पास पर्याप्त मात्रा में भूजल भी है और सर्फेस वाॅटर की भी कमी नहीं है लेकिन यदि प्रकृति प्रदत्त इस अमूल्य उपहार का हम उपयोग कर रहे हैं, तो हमें इसके संरक्षण की भी चिन्ता करनी होगी। जब हम दुनिया के परिप्रेक्ष्य में भूजल की बात करते हैं तो, उत्तर प्रदेश इस दृष्टि से अत्यन्त समृद्धशाली राज्य है।”
उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार दशकों के दौरान अत्यधिक मात्रा में भूजल दोहन के कारण प्रदेश के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में व्यापक विषमता देखने को मिली है। प्रदेश के 823 विकास खण्डों में से 287 विकास खण्डों में भूजल में 20 सेमी तक की गिरावट प्रतिवर्ष देखने को मिली है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भूजल की उपलब्धता निरन्तर कम हो रही है। साथ ही, जल संसाधन पर दबाव चिन्ताजनक स्थिति में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि भूजल के संरक्षण के लिये आमजन की सहभागिता अत्यन्त आवश्यक है। जरूरी है कि जनसामान्य को भूजल के महत्व के प्रति जागरूक किया जाए। इस उद्देश्य से पूरे प्रदेश में 16 जुलाई से 22 जुलाई तक ‘भूजल सप्ताह’ का आयोजन किया गया।