लखनऊ, उत्तर प्रदेश मे विधान सभा चुनाव से पूर्व दिखाये जा रहे प्री पोल सर्वे सही हैं या जनता को भ्रमित कर रहे है ?
हाल ही मे एक न्यूज चैनल ने सर्वे के जरिये एक बार फिर से उत्तर प्रदेश मे भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दुबारा काबिज होने का दावा किया गया है जिसको लेकर उत्तर प्रदेश की राजनीति मे सरगर्मी आई हुई है। सर्वे में भाजपा को विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनते हुए दिखाया गया है जबकि मुख्य विपक्षी समाजवादी पार्टी को एक सैकड़ा के आसपास ही सीटें मिलती हुई दिखाई दे रही है।
समाजवादी पार्टी (सपा),बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ने सर्वे को आधारहीन करार दिया है। राजनेताओं ने इस बात का भी सवाल उठाया है कि पश्चिम बंगाल में भी पूर्ण बहुमत की सरकार सर्वे के आधार पर गठित होती हुई दिखाई दे रही थी लेकिन जब नतीजा सामने आया तो भारतीय जनता पार्टी सत्ता से कोसों दूर थी।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने तो चुनावी सर्वे पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस सर्वे का कतई कोई औचित्य नहीं बनता है । यह सर्वे भाजपा को हर हाल में प्रमोट कर रहे हैं इसलिए इस पर कोई भी भरोसा नही किया जा सकता है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बेशक चुनावी सर्वे पर सवाल ना उठा रहे हो लेकिन वह यह कहने में कतई नहीं चूकते हैं कि भाजपा झूठ का कारोबार करने में माहिर है। वह करती नहीं बस प्रचार का हवाई महल खड़ा करके लोगों को अचंभित करते हैं । जनता और खास करके किसान भली जान गया है कि भाजपा सरकार के रहते हुए उसकी जिंदगी में अच्छे दिन कभी नहीं आने वाले लेकिन 2022 में समाजवादी सरकार बनने पर उसके हितों के संरक्षण की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) लोहिया के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि यूपी विधानसभा 2022 के चुनाव को लेकर आये सर्वे जनता को भ्रमित करने वाले है। शिवपाल सिंह यादव ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अभी चुनाव तक बहुत सारे सर्वे आयेंगे। जनता से यही अपील है कि वह इन सर्वे से भ्रमित ना हो । चुनाव में निर्णय जनता को करना करना है और इस बार इस नेक काज को जनता कर लेगी।