लखनऊ, उत्तर प्रदेश में पहले चरण के मतदान से कुछ घंटे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक इंटरव्यू में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की जोड़ी पर बड़ा हमला किया। जिस पर अखिलेश यादव ने जबर्दस्त प्रतिक्रिया दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में यूपी में अखिलेश यादव और जयंत चौधरी पर पूछे गए सवाल पर कहा था कि ये दो लड़कों वाला खेल तो हमने पहले भी देखा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी की ओर इशारा करते हुए पीएम ने कहा था कि इतना अहंकार था कि उन्हें ‘गुजरात के दो गधे’ ये शब्द प्रयोग किया था और उत्तर प्रदेश की जनता ने उन्हें हिसाब दिखा दिया। एक बार तो दो लड़के भी थे और एक बुआ जी भी उनके साथ थीं। फिर भी, यह उनके लिए कारगर नहीं हुआ।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस हमले पर शायराना अंदाज में तंज कसते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक ट्वीट किया है। इसमें अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बिना नाम लिये उनके झूठ बोलने पर जबर्दस्त तंज किया है।
इस ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा है- ‘झूठ भी शरमाकर… पिछले दरवाज़े से मुँह ढँककर निकल गया… जब वो दुनिया से रूबरू हुए…।’
झूठ भी शरमाकर… पिछले दरवाज़े से मुँह ढँककर निकल गया… जब वो दुनिया से रूबरू हुए…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) February 9, 2022
दरअसल, अखिलेश यादव ने गलत नही कहा है। इससे पहले भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई बार झूठ बोलें हैं। जिसपर उनकी किरकिरी हुई है।
- एकबार उन्होने कहा था कि चीन अपनी जीडीपी का 20 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च करता है। जबकि हकीकत ये है कि चीन अपनी जीडीपी का महज 3.93 प्रतिशत ही शिक्षा पर खर्च करता है।
- इसी तरह एकबार पीएम मोदी ने बिहार के गौरवशाली इतिहास का बखान करते हुए कहा था कि विश्व प्रसिद्ध तक्षशिला या टेक्सिला विश्वविद्यालय बिहार में है। जबकि तक्षशिला वर्तमान समय में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रावलपिंडी जिले की एक तहसील है।
- बिहार के गौरव का बखान करते हुए पीएम मोदी ने बताया था कि सिकंदर महान को गंगा नदी के तट पर बिहारियों ने हराया था। जबकि सिकंदर कभी बिहार आया ही नही। सिकंदर पंजाब से ही वापस लौट गया था।
- एक बड़े अखबार के इंटरव्यू के बाद एक और ‘झूठ’ सुर्खियों में आया था, जिसमें मोदी ने कहा था कि सरदार पटेल की अंत्येष्टि में पंडित नेहरू शामिल नहीं हुए थे। जबकि ये बात सरासर गलत है।
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अब यह उनके झूठ हैं या फिर जानकारी का अभाव यह फैसला तो जनता ही कर सकती हैं। लेकिन कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरव्यू में , 2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी की ओर इशारा करते हुए कहा था कि अखिलेश यादव में इतना अहंकार था कि उन्हें ‘गुजरात के दो गधे’ ये शब्द प्रयोग किया था और उत्तर प्रदेश की जनता ने उन्हें हिसाब दिखा दिया। एक बार तो दो लड़के भी थे और एक बुआ जी भी उनके साथ थीं। फिर भी, यह उनके लिए कारगर नहीं हुआ।
दरअसल, गुजरात टूरिज्म का एक विज्ञापन जिसमें अमिताभ बच्चन कच्छ के छोटा रण में रहने वाले जंगली गधों के बारे में बताते हैं। वह इन गधों की तारीफ करते हुए पर्यटकों को गुजरात आने को कहते हैं। अखिलेश यादव ने इसी प्रचार को लेकर तब तंज कसा था।
अखिलेश यादव ने कहा था कि हमारे साथियों ने टीवी देखा होगा कि एक गधे का विज्ञापन आता है। बताओ किसान भाइयों एक गधे का विज्ञापन आता है। हम तो सदी के महानायक (अमिताभ बच्चन) से कहेंगे कि अब आप गुजरात के गधों का प्रचार मत करिए। अब चुनाव इलाहाबाद में है, हम तो पत्रकार साथियों से कहेंगे कि विज्ञापन आपके चैनल पर भी चला होगा, हम तो सदी के सबसे बड़े महानायक से निवेदन करेंगे कि आप गुजरात के गधों का प्रचार मत करिए। जिन्होंने ऐड देखा होगा जानते होंगे, बताओ कहीं गधों का भी प्रचार होता है क्या। गधों का प्रचार होने लगा तो कैसे काम चलेगा। गुजरात के लोग तो गुजरात के गधों का भी प्रचार करा रहे हैं और हम पर आरोप लगा रहे हैं कि हमने केवल कब्रिस्तान के लिए काम किया है।
इसके बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे दूसरे अर्थ मे प्रयोग करते हुये मुद्दा बना लिया था। वह सभी रैलियों में इसका जिक्र करने लगे और कहने लगे, ”अखिलेश जी को पता नहीं है, गधा भी हमें प्रेरणा देता है। अगर दिल दिमाग साफ हो तो प्रेरणा ले भी सकते हैं। गधा अपने मालिक का वफादार होता है। गधा जिनता मालिक काम ले उतना काम करता है। गधा कम से कम खर्च वाला होता है। गधा कितना ही बीमार हो, खाली पेट हो, कितना ही थका हुआ हो, लेकिन मालिक अगर उससे काम लेता है तो सहन करते हुए भी मालिक का काम पूरा करता है। अखिलेश जी यह सवा सौ करोड़ देशवासी मेरे मालिक हैं। वो मुझसे जितना काम लेते हैं मैं करता हूं, बिना छुट्टी लिए करता हूं, थक जाता हूं तो भी करता हूं। कभी भूखा रहा तो भी करता हूं क्योंकि गधे से प्रेरणा लेता हूं और बड़े गर्व से लेता हूं ताकि इन सवा सौ करोड़ देशवासियों के लिए गधे से भी ज्यादा मजदूरी करके उनके काम आऊं इस गौरव से काम करता हूं।”