नयी दिल्ली, कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से जीविका पर आये संकट के मद्देनजर देश के विभिन्न राज्यों में दो जून रोटी के लिए गये मजदूरों को येनकेन प्रकारेण घर लौटते समय सड़क हादसों में अपनी जान गवांनी पड़ रही है।
देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण पहले से ही अपनी रोजी-रोटी गवां चुके मजदूरों की जल्द घर पहुंचने की जद्दोजहद बहुत भारी पड़ रही है तथा मंगलवार को अलग-अलग दुर्घटनाओं में कम से कम 15 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गयी तथा 40 अन्य घायल हो गये। भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके प्रवासी मजदूरों को घर वापसी की मांग करनी भी भारी पड़ रही है क्योंकि इसके एवज में उन्हें पुलिस की लाठियां खानी पड़ रही हैं जबकि कुछ को गिरफ्तारी का सामना करना पड़ रहा है।
बिहार में भागलपुर जिले के खरीक थाना क्षेत्र में मंगलवार सुबह ट्रक और बस के बीच हुई टक्कर में नौ प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई तथा छह से अधिक लोग घायल हो गए। नवगछिया की पुलिस अधीक्षक निधि रानी ने बताया कि प्रवासी श्रमिक पड़ोस के किसी राज्य से साइकिल से आ रहे थे तभी उन्होंने नवगछिया जीरो माइल के निकट लोहे के रॉड लदे एक ट्रक के चालक को रोका और उसकी सहमति से ट्रक पर सवार हो गए। ट्रक राष्ट्रीय राजमार्ग-31 पर अंभो मोड़ के पास पहुंचा ही था कि प्रवासी मजदूरों को लेकर विपरीत दिशा से आ रही तेज रफ्तार बस से सीधी टक्कर हो गई और ट्रक सड़क किनारे गड्ढे में पलट गया।
श्रीमती रानी ने बताया कि इस दुर्घटना में ट्रक पर लदे लोहे के मोटे रॉड से दब जाने के कारण उस पर सवार नौ मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। बस पर सवार छह से अधिक प्रवासी श्रमिक घायल हो गए। उन्होंने बताया कि शवों को क्रेन की मदद से बाहर निकाला गया है। ट्रक पर सवार प्रवासी साइकिल से कहां से आ रहे थे, यह पता नहीं चला। संभावना है कि वे पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल या झारखंड से आ रहे होंगे।