नई दिल्ली, यह आवश्यक है कि हर किसी का यौन प्रजनन स्वास्थ्य अच्छा रहे तथा यह पुरुषों व महिलाओं में किसी भी तरह के भेद-भाव के बिना हो। प्रजनन जीवन की एक आवश्यक प्रक्रिया है जो सभी जीवित जीवों के अस्तित्व को गति देता है। वैसे तो हम हर क्षेत्र मे तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं फिर भी हम एक ऐसे समाज में रह रहे हैं जहां भिन्न समुदाय के लोगों में प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता और इससे संबद्ध रुख संवेदनशील है। प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित जागरूकता का विस्तार शैक्षिक विधि से किया जा सकता है और इससे भिन्न व्यक्तियों के यौन और प्रजनन स्वास्थ्य की आवश्यकताओं का महत्व और मूल्य जानने में सहायता मिलती है। अच्छे सामाजिक स्वास्थ्य को तीन श्रेणी में बांटा जा सकता है – संपूर्ण सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और प्रजनन प्रणाली के संबंध में शारीरिक स्वास्थ्य। प्रजनन स्वास्थ्य बनाए रखने की बात हो तो सही और शुद्ध सूचना तक पहुंच होना सबसे महत्वपूर्ण है। इस बारे में बता रहें हैं क्लिनिक ऐप्प के सीईओ, श्री सत्काम दिव्य।
यौन प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित तथ्य
प्रजनन प्रक्रिया में पुरुषों और महिलाओं की बराबर की जिम्मेदारी है। हालांकि, हम एक ऐसे समाज में रहते हैं जहां ‘नीतिनिर्माता’ पुरुषों के प्रजनन और यौन स्वास्थ्य पर कम ध्यान देते हैं। पिता और पति के रूप में पुरुष महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और परिवार के विस्तार के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं। पर बच्चा न हो तो महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ज्यादा जिम्मेदार ठहराया जाता है। रिपोर्ट के अनुसार बच्चा नहीं होने के एक तिहाई मामलों में पुरुष जिम्मेदार होते हैं और एक तिहाई मामलों में महिला। बाकी एक तिहाई मामले प्रजनन से संबंधित होते हैं। इसके लिए पुरुष औरमहिला दोनों जिम्मेदार होती हैं।
दूसरा महत्वपूर्ण घटक सुरक्षित गर्भनिरोधक उपायों तक आसान और किफायती पहुंच है। जानकार महिलाएं जागरूकता फैला सकेंगी और अपनी तथा दूसरों की यौन संचारित बीमारियों से रक्षा कर सकेंगी।
पुरुषों में एक जैसे प्रजनन मामले
निम्न शुक्राणु संख्या : बच्चा नहीं होने के मुख्य कारणों में एक है, पुरुष (के वीर्य) में शुक्राणु की संख्या कम होना।
शुक्राणु की निम्न गुणवत्ता : शुक्राणु की खराब गुणवत्ता भी प्रजनन से संबंधित एक सामान्य मामला है। यह समस्या पुरुषों में पाई जाती है और बच्चा नहीं होने के मामलों में इसे जिम्मेदार पाया गया है।
इरेक्टाइल डिसफंक्शन : इरेक्टाइल डिसफंक्शन के कारण स्खलन की समस्या होती है और यौन संबंध या संभोग के समय इसका नुकसान होता है।
निम्न यौनेच्छा : खाने की खराब आदतें, शराब पीना, नशा, धूम्रपान, तनाव और कुछ अन्य चीजें पुरुषों की यौनइच्छा या
सेक्स की चाहत कम करने के लिए जिम्मेदार हैं।
कुछ बीमारियां : डायबिटीज, ऑटोइम्युन बीमारियों, सिस्टिक फिब्रोसिस, संक्रमण, जेनेटिक और हारमोनल गड़बड़ी के शिकार पुरुषो में यौन इच्छा कम होती है और इसका उनके प्रजनन स्वाथ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
महिलाओं में प्रजनन संबंधी एक जैसी समस्याएं
एंडोमेट्रिओसिस: इस स्थिति में गर्भाशय की की लाइनिंग (परत) जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है। इसका मतलब हुआ कि टिश्यू बढ़कर अंडाशय और गर्भाशय के पीछे स्थित बोवेल या ब्लाडर यानी आंतों तक पहुंच जाता है। इसका नतीजा यह होता गलत जगह पर पहुंचे टिश्यू के कारण गर्भधारण नहीं होता है, दर्द होता है और मासिक स्राव ज्यादा होता है।
फीमेल सेक्सुअल डिसफंक्सन : महिलाओं में सेक्सुअल डिसफंक्शन का मतलब है असंतोषजनक और तकलीफदेह सेक्स। इससे महिलाओं में सेक्स के प्रति दिलचस्पी कम हो जाती है। इन कारणों से मुमकिन है गर्भधारण न हो।
दूसरे शब्दों मे अगर किसी महिला की सेक्स में दिलचस्पी नहीं होगी तो उसके लिए गर्भधारण मुश्किल होगा।पॉलीसिस्टिक ओवरी सिनड्रोम (पीसीओएस): पॉलीसिस्टिक ओवरी सिनड्रोम क बहुत लोग जानते हैं पर इसका सही मायने कम ही लोगों को मालूम है। पीसीओएस का मतलब है कि यह शरीर में हारमोन का असंतुलन है। इससे अनियमित मासिक, चेहरे पर अत्यधिक रोएं और आखिरकार गर्भाशय में गांठ बन जाते हैं।
कुछ बीमारियां : डायबिटीज (मधुमेह), ऑटोइम्युन डिजीज, मोटापा, ग्रीवा के कैंसर की शिकार महिलाओं के अलावा और भी कई कारण महिलाओं के यौन प्रजनन स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डाल सकते हैं।
यौन प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित आम समस्याओं से कैसे निपटें?
अगर आप ऐसा कोई कारण महसूस कर रहे / रही हैं जिससे यौन संबंध बनाना प्रभावित होता है तो आपको तुरंत किसी सेक्सोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। एक प्रमाणित, प्रशिक्षित और अनुभवी सेक्सोलॉजिस्ट आपको आम यौनसमस्याओं से निपटने में सहायता कर सकता है। कुछ टेस्ट करने के बाद पेशेवर आपको स्थिति से निपटने लिए कुछ उपचार सुझाएंगे।
यौन प्रजनन अधिकार
विश्व स्वास्थ्य संगठन यह सुनिश्चित करने के लिए काम करता है कि लोगों को अच्छी यौन प्रजनन स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध हो। इसका लक्ष्य लड़कियों और महिलाओं के खिलाफ हिंसा को रोकना, यौन संबंधों से फैलने वाली बीमारियों को रोकना और अन्य चीजों के अलावा ग्रीवा के कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना भी है।
अन्य घोषणाओं और सम्मेलनों के साथ मानवाधिकार की यूनिवर्सल घोषणा कहती है कि यौन और प्रजनन अधिकार व्यक्ति के अधिकारों के आवश्यक घटक हैं। राज्यों को मानवाधिकारों की रक्षा करनी होती है और उनका सम्मान करना होता है तथा यौन प्रजनन स्वास्थ्य के अधिकार को पूरा करना होता है। बुनियादी मानवाधिकारों की अनुपस्थिति मुख्य रूप से विकासशील देशों में देखी जाती है। यह पुरुषों और महिलाओं –
दोनों के खराब स्वास्थ्य के अग्रणी कारणों में एक है। पर्याप्त पोषण की कमी की भी बड़ी भूमिका होती है। गरीब महिलाएं गर्भपात, अनैच्छिक गर्भधारण और प्रसव के समय मौत जैसी समस्याओं की ज्यादा शिकार होती हैं।
सेक्स शिक्षा पुरुषों और महिलाओं – दोनों के लिए सर्वश्रेष्ठ पहल है
हर किसी को युवावस्था से ही सेक्स शिक्षा के जरिए यौन प्रजनन स्वास्थ्य की महत्ता जानना चाहिए। इस पहल से वे ना सिर्फ वास्तविक तथ्यों से वाकिफ होंगे बल्कि बड़े होकर एक जिम्मेदार नागरिक भी बनेंगे। यौन शिक्षा से हर किसी को अपने शरीर, यौन पहचान और भावनाओं को जानने में मदद मिल सकती है। युवकों और युवतियों को यौन सक्रिय होने से पहले सुरक्षित सेक्स, गर्भधारण रोकने, कंडोम के उपयोग और सुरक्षित सेक्स के अन्य उपायों के बारे में जानना चाहिए। इसलिए, अच्छे यौन प्रजनन स्वास्थ्य को बनाए रखने के उपायों के बारे में जानना भी जरूरी है।