लखनऊ , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि यूपी मे कोरोना पर नियंत्रण हेतु जागरूकता अभियान चलाया जायेगा।
मुख्यमंत्री अपने सरकारी आवास पर बैठक में अनलाॅक व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था को लागू करने के साथ-साथ लोगों को कोविड-19 से बचाव के बारे में सतत जागरूक किया जाए। एक व्यापक जागरूकता अभियान संचालित किया जाए। जागरूकता अभियान में प्रिंट , इलेक्ट्राॅनिक व सोशल मीडिया समेत बैनर, होर्डिंग, पोस्टर तथा पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से होने वाली मृत्यु की दर को न्यूनतम स्तर पर लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग प्रभावी कार्यवाही करें। संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए काॅन्टैक्ट ट्रेसिंग प्रत्येक दशा में की जाए। उन्होंने लखनऊ, कानपुर नगर, बस्ती, प्रयागराज, बरेली, गोरखपुर, बलिया, झांसी, मुरादाबाद एवं वाराणसी में चिकित्सकों की विशेष टीम भेजने के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि इन जिलों में नोडल अधिकारी भी टीम के साथ रहेंगे।
उन्होंने कहा कि कोविड तथा नाॅन कोविड अस्पतालों के अलग अलग एम्बुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए। सभी अस्पतालों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि चिकित्सक नियमित रूप से राउण्ड लें तथा पैरामेडिक्स रोगियों की माॅनिटरिंग करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी संख्या में कोविड-19 के लक्षणरहित संक्रमित लोग बीमारी को छुपा रहे हैं, जिससे संक्रमण बढ़ सकता है। इसके दृष्टिगत राज्य सरकार एक निर्धारित प्रोटोकाॅल के अधीन शर्तों के साथ होम आइसोलेशन की अनुमति देगी। रोगी और उसके परिवार को होम आइसोलेशन के प्रोटोकाॅल का पालन करना अनिवार्य होगा। यद्यपि राज्य सरकार के पास कोविड हाॅस्पिटल में पर्याप्त संख्या में कोविड बेड्स मौजूद हैं।
उन्होंने मास्क के अनिवार्य रूप से उपयोग तथा सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराए जाने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर इम्युनिटी कोविड-19 से बचाव के लिए जरूरी है। इस सम्बन्ध में भी जनता को जागरूक किए जाने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को ‘आरोग्य सेतु’ एप तथा ‘आयुष कवच-कोविड’ एप को डाउनलोड करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
योगी आदित्यनाथ ने आज कहा कि जनता को यह भी बताया जाए कि ‘आयुष कवच-कोविड’ एप में प्रदान की गई जानकारी को अपनाकर इम्युनिटी में वृद्धि की जा सकती है। इसके अलावा डोर-टू-डोर सर्वे एक आवश्यक प्रक्रिया है, जिसके तहत मेडिकल स्क्रीनिंग के माध्यम से कोविड-19 के रोगियों को चिन्हित करने में बड़ी सहायता मिल रही है।
उन्होंने इस कार्य को सतत जारी रखे जाने के निर्देश देते हुए कहा कि कोरोना की दृष्टि से संदिग्ध पाए गए व्यक्तियों की रैपिड एन्टीजन टेस्ट के द्वारा जांच की जाए। चिकित्सा व्यवस्था को सुदृढ़ करने के सम्बन्ध में जिला स्तर पर आईएमए तथा नर्सिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक आहूत की जाए।