प्रयागराज, रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आज़म खान को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अजीमनगर थाने में किसानों द्वारा दर्ज एफआईआर के तहत उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
साथ ही जयाप्रदा को नोटिस जारी कर राज्य सरकार और अन्य विपक्षियों से जवाब मांगा है। मामले की सुनवाई 28 अक्टूबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज मिश्र तथा न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान की खण्डपीठ ने मोहम्मद आजम खां और अन्य की याचिका पर दिया है।
याची अधिवक्ता कमरुल हसन सिद्दीकी और सफदर काजमी ने बताया कि विश्वविद्यालय की जमीन को लेकर किसानों को जयाप्रदा ने उकसाकर एफआईआर दर्ज करवाई है। आजम खां के खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर 27 किसानों ने एफआईआर दर्ज कराई। किसानों ने आजम खां पर जबरन जमीन लिखवा लेने और कब्जा कर लेने का आरोप लगाया गया था।
याचिका में बदले की कार्रवाई करने का राज्य सरकार पर आरोप लगाया गया है। जबकि सरकार का कहना है कि किसानों ने एफआईआर दर्ज कराई है। जिससे सरकार का कोई सरोकार नहीं है। इससे पहले, मंगलवार को किसानों की जमीन कब्जाने के मामलों में दर्ज मुकदमों की जांच कर रही एसआईटी (विशेष जांच दल) ने सांसद आजम खां को 27 नोटिस जारी किए थे।
एसआईटी ने आजम खां को नोटिस जारी कर इन मुकदमों के संबंध में 25 सितंबर तक अपना बयान दर्ज कराने को कहा था। आजम खां के घर पर किसी ने नोटिस को रिसीव नहीं किए तो इसे उनके घर के गेट पर चस्पा कर दिए गए। हालांकि, कुछ देर बाद ही नोटिस गेट से फाड़ दिए।