जामनगर, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंगलवार को कहा कि ग्लोबल सेंटर फ़ॉर ट्रेडिशनल मेडिसीन (जीसीटीएम) की स्थापना से ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ मंत्र साकार होने वाला है।
श्री पटेल ने आज यहां डब्ल्यूएचओ वैश्विक परंपरागत औषधि केंद्र के भवन के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देश में योग-आयुर्वेद के भारतीय ज्ञान एवं परम्परागत चिकित्सा पद्धतियों की प्राचीन विरासत आज वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा के उद्देश्य से अलग ही स्वरूप में प्रस्तुत हो रही है। जीसीटीएम की स्थापना से ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ मंत्र साकार होने वाला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज़ादी के अमृत महोत्सव वर्ष में प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी ने देश को ग्लोबल सेंटर फ़ॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन के रूप में अमृत कलश की भेंट दी है। भारत में योग-आयुर्वेद जैसी प्राचीन व परम्परागत उपचार पद्धतियों का खज़ाना है। उन्होंने कहा कि विश्व भर की लगभग 138 परम्परागत चिकित्सा पद्धतियों के ज्ञान के आदान-प्रदान के लिए यह केन्द्र अंतरराष्ट्रीय मंच बनेगा।
श्री पटेल ने कहा कि श्री मोदी के नेतृत्व में सरकार ने आयुर्वेद, योग तथा अन्य आयुष पद्धतियों को सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ संयोजित व्यवस्था के साथ संयोजित करने का संकल्प किया है और उनके प्रयासों के कारण विश्व समुदाय में भारत का सॉफ़्ट पावर बढ़ा है। जीसीटीएम की स्थापना का विशिष्ट कदम है। यह समग्र विश्व को एक परिवार समझकर सबके स्वास्थ्य तथा सबकी स्वस्थता के लिए कार्यरत बनेगा। ग्लोबल हेल्थ फ़ैसिलिटीस के मानचित्र पर जामनगर को स्थायी रूप से अंकित कर दिया है। 21वीं शताब्दी में आधुनिक विज्ञान के साथ इस प्राचीन ज्ञान को जोड़ने का महत्वपूर्ण कार्य इस ग्लोबल सेंटर से शुरू किया जाएगा।