बुडापेस्ट, राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता भारत के बजरंग पुनिया सीनियर विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के 65 किग्रा फ्री स्टाइल वर्ग के फाइनल में स्वर्णिम इतिहास बनाने से चूक गए।
बजरंग पुनिया को सोमवार को फाइनल में जापान के ताकुतो ओतोगुरो ने 16-9 से हराकर स्वर्ण पदक जीत लिया और बजरंग पुनिया को रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारत के सुमित 125 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक के मुकाबले में हारकर पदक से दूर रह गए।
बजरंग से उम्मीद थी कि वह विश्व चैंपियनशिप के इतिहास में भारत को दूसरा स्वर्ण पदक दिलाएंगे लेकिन मुकाबले में जबरदस्त संघर्ष करने के बावजूद वह स्वर्ण पदक से दूर रह गए। बजरंग ने लेकिन रजत पदक जीतकर विश्व चैंपियनशिप में अपना दूसरा पदक हासिल किया। उन्होंने 2013 में कांस्य पदक जीता था।
इस हार के बावजूद भारतीय स्टार पहलवान ने इस तरह एक साल में राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में स्वर्ण और विश्व चैंपियनशिप में रजत जीतने का इतिहास बना दिया। भारत के लिए विश्व चैंपियनशिप में एकमात्र स्वर्ण पदक दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार ने 2010 में मास्को में जीता था लेकिन बजरंग सुशील की इस उपलब्धि को दोहरा नहीं सके।