लोकसभा में बैंककारी विनियमन संशोधन विधेयक पेश

नयी दिल्ली, सरकार ने आज लोकसभा में बैंककारी विनियमन संशोधन विधेयक पेश किया जिसमें सहकारी बैंकों को आरबीआई नियमन के दायरे में लाकर छोटे जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा का प्रावधान किया गया है। निचले सदन में विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में बैंककारी विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 पेश किया और इसे पारित कराने का प्रयास किया।

हालांकि, विपक्षी सदस्यों ने हंगामे के बीच इसे पारित कराने के प्रयास पर विरोध शुरू कर दिया । वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस विधेयक के संबंध में कहा कि महाराष्ट्र में पीएमसी बैंक से जुड़ा दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रम सामने आया जहां छोटे और मझोले निवेशकों को परेशानी उठानी पड़ी। ऐसे में यह विधेयक समय की मांग है ताकि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निवेशकों की परेशानियों को दूर करना सुनिश्चित किया और उनकी धन निकासी की सीमा एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने का निर्णय किया गया।

सीतारमण ने हंगामा कर रहे विपक्ष के सदस्यों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये लोग उन छोटे निवेशकों की मांग दबा रहे हैं जिन्होंने कठिनाइयों का सामना किया है। हंगामे के बीच ही सरकार ने विधेयक से संबंधित कुछ संशोधन पारित कराए।

उधर, कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, सपा, आम आदमी पार्टी और वाम दलों समेत अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने आसन के समीप नारेबाजी तेज कर दी। वे आसन के पास पहुंचकर विधेयक को हंगामे के बीच पारित कराने के प्रयास का कड़ा विरोध कर रहे थे।

विधेयक के उद्देश्यों एवं कारणों में कहा गया है कि सहकारी बैंकों में जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा, बैंकों के बेहतर प्रबंधन और समुचित विनियमन के माध्यम से बैंककारी क्षेत्र में विकास के समान स्तर लाने का प्रस्ताव है ।

इसमें कहा गया है कि भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से व्यावसायिकता में वृद्धि करके, पूंजी तक पहुंच को समर्थ बनाकर, सुधार करके और सुव्यवस्थित बैंकिंग व्यवस्था से सहकरी बैंकों को सुदृढ़ बनाने का प्रस्ताव है ।

Related Articles

Back to top button