लखनऊ, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आरोपों पर पलटवार करते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने रविवार को कहा कि दूसरी पार्टियों पर कुछ भी कहने से पहले कांग्रेस और उनके नेताओं को खुद भी अपने गिरेबान में ज़रूर झांककर देख लेना चाहिये।
मायावती ने कहा “ विधानसभा चुनाव में बसपा के साथ गठबंधन करने व मुझे सीएम बनाने के ऑफर पर मैंने उन्हें न कोई जवाब दिया और न ही इस बारे में उनसे कोई बात की, यह बात पूर्णतयाः तथ्यहीन है और इसमें रत्ती भर भी कोई सच्चाई नहीं है। श्री गांधी के बयान में बसपा के प्रति जबरदस्त बौखलाहट व नफरत नज़र आती है। उससे इस पार्टी की विशेषकर दलितों व अन्य उपेक्षित वर्गाें के साथ-साथ बसपा के प्रति भी हीन व जातिवादी मानसिकता तथा द्वेष की भावना भी साफ झलकती है।”
उन्होने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर ही नहीं बल्कि उनकी अनुयाई पार्टी बसपा के साथ हमेशा ही कदम-कदम पर राजनीतिक षडयंत्र, दग़ा व विश्वासघात किया है। कांग्रेस भरोसे के लायक नहीं है।
बसपा प्रमुख ने कहा कि सीबीआई, ईडी व इनकम टैक्स से डर कर भाजपा के खिलाफ काफी नरम रहने के राहुल गांधी के आरोप में रत्ती भर भी सच्चाई नही है, क्योंकि इन सब से जुड़े मामले हमने केन्द्र में रही किसी भी पार्टी की सरकार की मदद से नहीं बल्कि सभी सरकारों के खिलाफ जाकर माननीय सुप्रीम कोर्ट में जीते हैं।
उन्होने कहा कि भाजपा के विरूद्ध राजनीतिक लड़ाई लड़ने में कांग्रेस का अपना रिकार्ड हमेशा ही काफी लचर व ढुलमुल ही रहा है यानी कांग्रेस सत्ता में रहते हुए व सत्ता से बाहर हो जाने के लम्बे समय बाद अब तक भाजपा और आरएसएस एण्ड कम्पनी से जी-जान से लड़ते हुए कहीं भी नहीं दिखती है,जबकि भाजपा एण्ड कम्पनी साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों हथकण्डे अपनाकर भारत को कांग्रेस-मुक्त ही नहीं बल्कि विपक्ष-विहीन बनाकरपंचायत से संसद तक चीन जैसा ही एक पार्टीका सिस्टम बनाकर देश के लोकतंत्र व इसके संविधान को ही खत्म करने पर आतुर है।
मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने पिछला यूपी विधान सभा का आमचुनाव समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ मिलकर लड़ा था तब यह पार्टी यहाँ बीजेपी को सत्ता में आने से नहीं रोक पाई थी, ऐसा क्यों हुआ था। इसका भी जवाब जनता को इनको ज़रूर देना चाहिये।