लखनऊ, जिंदगी का खास दिन आने से पहले ही उसमें कोरोना महामारी के चलते रूकावट आ जाने से कई जोड़े निराश है। देश में लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश के हजारों युवक और युवतियो के अरमान धरे के धरे रह गये। कोरोना के चलते विवाह के लिए अब युवक-युवतियों को आठ माह का इंतजार करना पड़ सकता है। महीनों से अपनी शादी की तैयारियों में जुटे युवाओं को महामारी के चलते निराशा हाथ लगी है। जिंदगी का खास दिन आने से पहले उसमें कोरोना महामारी के चलते रुकावट आ गयी। शादी की डेट कैंसल हो गयी है और अगली तारीख अभी तय भी नहीं कर पाए हैं।
लॉकडाउन के कारण शादी की डेट रद्द होने से लोगों को भावनात्मक चोट लगी है और साथ ही आर्थिक तौर पर भी काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। शादी किसी के भी जीवन का सबसे यादगार पल होता है। सूत्रों ने बताया कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ लगभग लॉकडाउन के चलते एक हजार से अधिक शादिया टल गयी है। अभी लॉकडाउन जारी है इसलिये डेट नही मिल पा रही है। दोनों पक्ष मजबूर है। भीड़भाड़ जुटाने की मनाही के चलते कई आयोजन टालने पड़ गए हैं। विवाह, मुंडन, संस्कार और गृह प्रवेश आदि शुभ कार्यों पर भी रोक लग गई है। लॉकडाउन की मार ने बैंड-बाजा वालों, फोटोग्राफर, किराना, डीजे व टेंट व्यवसायियों का धंधा चौपट हो गया है। जिन घरों में शहनाइयां गूंजनी थी वहां पर अब सन्नाटा पसरा है।
आचार्य दीपक शास्त्री ने बुधवार को फोन पर बताया कि कोरोना वायरस की महामारी के चलते शहरी क्षेत्रों में निवास कर लोग अपने बच्चों के विवाह के लिये नवम्बर दिसम्बर की तारीखें सुझाने की मांग करने लगे है। उन्होंने बताया कि जहां एक तरफ आयोजन निरस्त हो रहे हैं, वहीं कुछ लोग परिवार में ही आयोजन करने की मंशा भी जता रहे हैं।