नयी दिल्ली , मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वैश्विक महामारी कोविड-19 पर किसी प्रकार की राजनीति नहीं करने की अपील करते हुए प्रवासी मजदूरों से दिल्ली छोड़कर नहीं जाने की विनती की है।
राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस की क्या स्थिति है इसपर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने बताया कि दिल्ली में करीब सात हजार केस हैं जिनमें से ज्यादा कम या बिना लक्षण वाले हैं। केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों का भी जिक्र किया और निवेदन किया कि ये लोग दिल्ली छोड़कर ऐसे न जाएं।
राजधानी में कोरोना वायरस से हुई मौतों पर भारतीय जनता पार्टी के नेता और उनके पूर्व निकट सहयोगी कपिल मिश्रा ने गंभीर आरोप लगाए हैं। इसके अलावा मीडिया में भी अलग रिपोर्ट आई हैं।
श्री केजरीवाल ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मीडिया से कहा कि दिल्ली में करीब सात हजार कोरोना पॉजिटिव केस हैं। इसमें से 1500 लोग हॉस्पिटल में हैं और सिर्फ 27 ही वेंटिलेटर पर हैं। उन्होंने कहा कि राजधानी के ज्यादा मामलों में मामूली लक्षण या बिना लक्षण वाले हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से दिल्ली में मृतकों में बुजुर्ग अधिक हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना से हुई कुल मौतों में से 82 प्रतिशत 50 साल से ऊपर उम्र के हैं। प्रवासी मजदूरों के दिल्ली से पलायन की रिपोर्टाें पर उन्होंने कहा कि अभी भी प्रवासी मजदूर मजबूरी में राजधानी छोड़कर जाने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग पैदल निकल रहे हैं, बिना कुछ खाए सैंकडों किलोमीटर तक पैदल चलते हैं जो ठीक नहीं है। इन्हें देखकर ऐसा महसूस होता है कि पूरा तंत्र फेल हो गया, सारी सरकारें फेल हो गई हैं। उन्होंने कहा दिल्ली सरकार मजदूरों से विनती करती है कि ऐसे नहीं करें और सरकार उनके गृह राज्य भेजने का प्रबंध कर रही है।
श्री केजरीवाल ने कहा,“मजदूरों से पहली विनती है कि दिल्ली छोड़कर नहीं जाएं, किंतु जो जाना ही चाहते हैं तो सरकार उन्हें भेजने के लिए ट्रेनों का इंतजाम कर रही है। मध्य प्रदेश और बिहार ट्रेन भेजी है, आगे और भेजेंगे। आप ऐसे पैदल मत निकलिए।”
दिल्ली में कोरोना वायरस के आंकड़ों पर मुख्यमंत्री ने कहा फिलहाल तक 6923 मामलें हैं जिसमें से 2069 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं, 73 की मौत हुई है जबकि 4781 संक्रमित सक्रिय हैं जिसमें 1476 का अभी भी विभिन्न अस्पतालों में उपचार चल रहा है।
श्री केजरीवाल ने कहा कि कोविड-19 के हल्के लक्षणों वालों का उनके घरों में ही इलाज करने के लिए बंदोबस्त किए गए हैं। एंबुलेंस की कमी को पूरा करने के लिए निजी एंबुलेंसों के अधिग्रहण के लिए भी आदेश जारी कर दिये गए हैं। उन्होंने कहा राजधानी में कोरोना वायरस के 75 प्रतिशत मामलों में लक्षण या तो नहीं थे या हल्के लक्षण थे।
उन्होंने कहा कि लोगों की जान महत्वपूर्ण है। अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलें। हल्के लक्षण वाले मामलों में केंद्र का आदेश है कि उनका इलाज घर पर हो सकता है। ऐसे संक्रमितों का घर पर ही इलाज का इंतजाम किया गया है। घर पर टीम जाती है, जरूरत के हिसाब से सुविधाएं दी जा रही हैं, जिनके लिए कोई अलग कमरा नहीं है उनके लिए हम ने कुछ केयर सेंटर भी बनाए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत कम मरीजों की हालत गंभीर है। एम्बुलेंस के लिए शनिवार कुछ निजी अस्पतालों से भी अनुबंध किया है, इससे यह दिक्कत भी खत्म हो जाएगी। कोरोना योद्धा जान जोखिम में डालकर वायरस की चुनौतियों से लड़ रहे हैं, सरकार जो कर सकती है हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना योद्धा के साथ अनहोनी होने पर सरकार एक करोड़ रुपए देती है।