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इसे लगाते ही खत्म हो जाएगी पेट की चर्बी….

नई दिल्ली,जो लोग बढ़ते वजन से परेशान है उन लोगो के लिए खुशखबरी है.  कुछ तो ऐसे हैं जो एक्सरसाइज करने का सोचते हैं लेकिन कभी इसकी शुरुआत ही नहीं कर पाते. वैसे हम जितना सोचते हैं, मोटापा उससे कहीं ज्यादा खतरनाक होता है. इससे न केवल दिल और पाचन संबंधी बीमारियां होने की संभावना होती है बल्कि इससे कैंसर और डिमेंसिया जैसी बड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं.

डेनमार्क की कोपनहेगन यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों ने उस प्रक्रिया को समझ लिया है जिसके चलते पेट की चर्बी कम होती है. उनका कहना है कि इस प्रक्रिया में इंटरल्यूकिन6 (IL6) नाम के एक पदार्थ की इस प्रक्रिया में अहम भूमिका होती है. और अगर शरीर में इसका स्त्राव न हो तो पेट की चर्बी बढ़ती जाती है. डॉक्टर लंबे वक्त से मानते आए थे कि एक्सरसाइज करने से पेट के मोटापे को कम किया जा सकता है लेकिन ये होता कैसे है इसकी जानकारी आजतक किसी को नहीं थी.

पहले की कई स्टडी यह साबित कर चुकी हैं कि IL6 का शरीर से जुड़ी कई प्रक्रियाओं में जरूरी योगदान होता है. इन प्रक्रियाओं में खाने को पचाने जैसी प्रक्रियाएं भी शामिल हैं. यह पदार्थ शरीर की कोशिकाओं से निकलता है. और इसका शरीर में ऊर्जा की सप्लाई में जरूरी योगदान होता है. और एक्सरसाइज के दौरान मांसपेशियों से IL6 निकलता है. इस नई स्टडी में, वैज्ञानिकों ने बालिग लोगों के दो समूहों का अध्ययन किया. इन दोनों ही समूह के लोग पेट के मोटापे के शिकार थे. इन लोगों को 12 हफ्ते तक साइकिल चलाने वाली एक्सरसाइज कराई गई.

एक ग्रुप को प्लेसबो नाम का लवण वाला इंजेक्शन लगाया गया और दूसरे को एक तोसिलिज़ुमाब नाम की एक दवा दी गई, जो IL6 के स्त्राव पर रोक लगा देती है.वैज्ञानिकों ने पाया कि जिन लोगों को लवण का इंजेक्शन लगाया गया था, उन्होंने साइकिल चलाने की एक्सरसाइज के जरिए औसतन 225 ग्राम तक अपने पेट के मोटापे को कम किया. जो पेट के भार का 8 फीसदी था. लेकिन जिन लोगों को तोसिलिज़ुमाब दिया गया था, उनके अंदर यह प्रभाव नहीं दिखा.

इन रिसर्चरों ने एक बातचीत के दौरान टेलिग्राफ अख़बार को बताया, हमने पेट के मोटापे को कम करने में IL6 पदार्थ के रोल के बारे में पता लगा लिया है. और पाया है कि यह तत्व इस पहेली में अहम रोल प्ले करता है. यह स्टडी सेल मेटाबॉलिज्म नाम की एक पत्रिका में प्रकाशित हुई. इससे यह भी पता चला कि तोसिलिज़ुमाब कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को बढ़ा देता है.

फिलहाल इसका इस्तेमाल गठिया के इलाज के लिए किया जाता है. रिसर्चरों का कहना है कि वे इसकी जांच करेंगे कि क्या IL6 को सीधे इंजेक्शन के तौर पर देकर लोगों के पेट के मोटापे को कम किया जा सकता है? अगर यह इंजेक्शन कामयाब हो जाता है तो लोग चुटकियों में अपना वजन कम कर सकेंगे.डॉक्टरों ने पाया है कि भारत के लोगों में पेट का मोटापा होने की संभावना बहुत ज्यादा होती है. 2011 में नई दिल्ली में हुई एक स्टडी में पाया गया था कि यहां पर 68 फीसदी एडल्ट लोगों का पेट बढ़ा हुआ है.