नयी दिल्ली , प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बोले, अगर हम जीवन में प्रगति करना चाहते हैं तो हमारे भीतर के विद्यार्थी को कभी मरना नहीं चाहिये । 105 वर्ष की उम्र में भागीरथी अम्मा ईसका एक उदाहरण है।
‘मन की बात’ कार्यक्रम मे 105 वर्ष की उम्र में भागीरथी अम्मा के अध्ययन की ललक से लोगों को प्रेरणा लेने का अनुरोध करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बोले कि अगर हम जीवन में प्रगति करना चाहते हैं, विकास करना चाहते हैं, कुछ कर गुजरना चाहते हैं, तो पहली शर्त यही होती है कि हमारे भीतर का विद्यार्थी कभी मरना नहीं चाहिए। 105 वर्ष की भागीरथी अम्मा, हमें यही प्रेरणा देती है।
भागीरथी अम्मा केरल के कोल्लम में रहती है। बचपन में ही उन्होंने अपनी माँ को खो दिया। शादी के बाद पति को भी खो दिया। लेकिन भागीरथी अम्मा ने अपना हौसला नहीं खोया, अपना ज़ज्बा नहीं खोया। दस साल से कम उम्र में उन्हें अपना स्कूल छोड़ने के बाद 105 साल की उम्र में उन्होंने फिर स्कूल शुरू किया। पढाई शुरू की। ईतनी उम्रदराज होने के बावजूद भागीरथी अम्मा ने चौथा की परीक्षा दी और परीक्षा में 75 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। भागीरथी अम्मा अब और आगे पढ़ कर आगे की परीक्षाएं देना चाहती हैं।
मोदी ने कहा , भागीरथी अम्मा जैसे लोग, इस देश की ताकत हैं।उनके अध्ययन की ललक जो एक प्रेरणा की एक बहुत बड़ी स्रोत हैं। मैं आज विशेष-रूप से भागीरथी अम्मा को प्रणाम करता हूँ।