भीमा कोरेगांव हिंसा को लेकर, एक साल बाद दर्ज हुआ ये मामला
December 5, 2018
पुणे, पिछले साल एक जनवरी को हुई भीमा कोरेगांव हिंसा के संबंध में पुलिस ने एक और मामला दर्ज किया है। यह मामला एक महिला की शिकायत पर दर्ज किया गया है।
पुणे ग्रामीण पुलिस ने एक जनवरी को हुई भीमा कोरेगांव हिंसा के संबंध में एक और मामला दर्ज किया है। एक महिला ने आरोप लगाया कि उसका मकान, दुकान और खाने का स्टॉल लूटा गया था। इसके बाद मामला दर्ज किया गया। भीमा कोरेगांव निवासी मंगल कांबले ने सोमवार को शिक्रपुर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई कि जब वह ‘‘जय स्तंभ’’ देखने आए लोगों को चाय और नाश्ता दे रही थी तब उसके खाने के स्टॉल को लूटा गया।
जय स्तंभ पुणे-अहमदनगर रोड पर पेरने गांव में स्थित है। उसका पेशवा और ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं के बीच 1818 में हुई भीमा-कोरेगांव लड़ाई की याद में निर्माण किया गया था। इस इलाके में एक जनवरी को उस समय हिंसा भड़क उठी जब दलित समूहों ने लड़ाई के दौ सौ साल पूरे होने पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था।
कांबले ने अपनी शिकायत में कहा कि उस दिन सुबह करीब 11 बजे मोटरसाइकिल पर आए 15 से 20 लोग उसके स्टॉल पर पहुंचे और लूटपाट करने लगे।उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति ने डंडे से उन्हें मारा भी। इस घटना के बाद उनका परिवार बहुत डर गया और वे पुणे में हड़पसर रहने लगे।
पुणे, पिछले साल एक जनवरी को हुई भीमा कोरेगांव हिंसा के संबंध में पुलिस ने एक और मामला दर्ज किया है। यह मामला एक महिला की शिकायत पर दर्ज किया गया है।
पुणे ग्रामीण पुलिस ने एक जनवरी को हुई भीमा कोरेगांव हिंसा के संबंध में एक और मामला दर्ज किया है। एक महिला ने आरोप लगाया कि उसका मकान, दुकान और खाने का स्टॉल लूटा गया था। इसके बाद मामला दर्ज किया गया। भीमा कोरेगांव निवासी मंगल कांबले ने सोमवार को शिक्रपुर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई कि जब वह ‘‘जय स्तंभ’’ देखने आए लोगों को चाय और नाश्ता दे रही थी तब उसके खाने के स्टॉल को लूटा गया।
जय स्तंभ पुणे-अहमदनगर रोड पर पेरने गांव में स्थित है। उसका पेशवा और ईस्ट इंडिया कंपनी की सेनाओं के बीच 1818 में हुई भीमा-कोरेगांव लड़ाई की याद में निर्माण किया गया था। इस इलाके में एक जनवरी को उस समय हिंसा भड़क उठी जब दलित समूहों ने लड़ाई के दौ सौ साल पूरे होने पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था।
कांबले ने अपनी शिकायत में कहा कि उस दिन सुबह करीब 11 बजे मोटरसाइकिल पर आए 15 से 20 लोग उसके स्टॉल पर पहुंचे और लूटपाट करने लगे।उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति ने डंडे से उन्हें मारा भी। इस घटना के बाद उनका परिवार बहुत डर गया और वे पुणे में हड़पसर रहने लगे।