लखनऊ , कोरोना संक्रमण के नये मामलों में तेजी आने के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि राज्य में कोविड-19 की पाजीटिविटी दर को न सिर्फ नियंत्रण में रखा गया है बल्कि संचारी रोग के मरीजों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले कमी दर्ज की गयी है।
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने सोमवार को यहां पत्रकारों को बताया कि सरकार कोविड केयर के साथ-साथ संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए भी प्रतिबद्ध है। इस वर्ष संचारी रोग नियंत्रण अभियान को और अधिक तेजी प्रदान करते हुए संचालित किया गया। एंटी लार्वा छिड़काव, सैनेटाइजेशन एवं फाॅगिंग के कारण वैक्टर जनित रोगों मे पिछले वर्ष के तुलना में कमी है।
उन्होने कहा कि कोविड-19 तथा संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए वर्तमान में ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में विशेष स्वच्छता एवं सेनिटाइजेशन अभियान संचालित किया जा रहा है जिससे वेक्टर जनित रोगों के नियंत्रण में गत वर्ष की तुलना में अच्छी सफलता मिली है। आकंडों के अनुसार गत वर्ष 20 अगस्त तक की तुलना में इस वर्ष इसी अवधि में एईएस, जापानी इन्सेफ्लाइटिस, डेंगू के पुष्ट रोगियों एवं मृत्यु में कमी आयी है। इसी के साथ मलेरिया, कालाजार के रोगियों में भी कमी आयी है।
श्री अवस्थी ने बताया कि इस वर्ष स्वच्छता के लिए प्रदेश को विभिन्न क्षेत्रों में केन्द्र सरकार के 19 स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त हुये है। अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कोविड-19 टेस्टिंग का कार्य तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में कल एक दिन में अब तक का सर्वाधिक 1,21,553 सैम्पल की जांच की गयी। प्रदेश में अब तक 46,74,620 सैम्पल की जांच की गयी है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 4677 नये मामले आये है। प्रदेश में अगस्त माह में कोरोना मरीजों की पाॅजीटिविटी की दर 4.8 प्रतिशत है। प्रदेश में 49,288 कोरोना के एक्टिव मामले हैं, जिसमें 24,482 मरीज होम आइसोलेशन, 2134 लोग प्राइवेट हास्पिटल में तथा 269 मरीज सेमी पेड फैसिलिटी में तथा इसके अतिरिक्त शेष कोरोना संक्रमित एल-1, एल-2, एल-3 के कोरोना अस्पतालों में है।
श्री प्रसाद ने बताया कि अब तक 77,608 लोगों को होम आइसोलेशन में रखा गया, जिनमें से 53,126 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। प्रदेश में अब तक 1,40,107 मरीज पूरी तरह से उपचारित हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में रिकवरी दर 72.82 प्रतिशत है।
उन्होने बताया कि डब्लूएचओ के मानक के अनुसार प्रति लाख जनसंख्या पर 14 टेस्ट प्रतिदिन किये जाने चाहिए, जिसके आधार पर प्रदेश की जनसंख्या के अनुसार 32 हजार टेस्ट प्रतिदिन बनते हैं जबकि राज्य में निर्धारित मानक से चार गुणा टेस्ट प्रतिदिन किये जा रहे है। इसी प्रकार पाजिटिविटी दर पांच प्रतिशत से कम के मानक को बनाये रखने में प्रदेश निरन्तर सफल रहा है।