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यूपी में ड्राइविंग लाइसेंस को लेकर आई बड़ी खबर…..

नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश के आरटीओ व एआरटीओ दफ्तरों में अब बगैर टाइम स्लॉट ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन सकेंगे। आवंटित टाइम स्लॉट से पहले डीएल के लिए बायोमीट्रिक प्रक्रिया पूरी नहीं करा पाएंगे।

संभागीय परिवहन कार्यालय ने लर्निंग व परमानेंट डीएल के ऑनलाइन आवेदन पर बायोमीट्रिक प्रक्रिया के लिए जिस दिन बुलाया है, आपको उसी दिन यह प्रक्रिया पूरा करानी पड़ेगी। हालांकि परिवहन विभाग ने बुलावे की तारीख पर नहीं आने पर अगले दो दिन की और मोहलत दी है। इसके बावजूद यदि आवेदक बायोमीट्रिक प्रक्रिया के लिए नहीं आ पाता है तो उसे दोबारा टाइम स्लॉट लेना पड़ेगा। यह व्यवस्था सात फरवरी शाम से प्रभावी हो गई है।

दरअसल, परिवहन विभाग ने सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) से वीआईपी आवेदक के बुलावे की तारीख यानी आवंटित टाइम स्लॉट में बदलाव का अधिकार छीन लिया है। इसके बाद एनआईसी ने सारथी सॉफ्टवेयर में यह प्रावधान कर दिया, जिससे प्रदेश भर के एआरटीओ अब वीआईपी के लिए बुलावे की तारीख को बदल नहीं पाएंगे।

परिवहन विभाग की नई व्यवस्था से उन्हें सर्वाधिक परेशानी शुरू हो गई है, जो दूसरे राज्यों में रहकर नौकरी या शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। ऐसे आवेदक गृह जनपद से डीएल बनवाने के लिए आवंटित टाइम स्लॉट को जुगाड़ से बदला लेते थे।

नई व्यवस्था लागू होने के बाद पहले दिन 10 फरवरी को सर्वाधिक प्रभाव लखनऊ में देखने को मिला। यहां 60 वीआईपी डीएल की बायोमीट्रिक प्रक्रिया पूरी किए बिना आरटीओ से लौट गए। इनमें राजनेता, उनके करीबी और बड़े पदों पर काबिज अफसर शामिल थे। गौरतलब है कि लखनऊ के आरटीओ में रोजाना 450 आवेदक में से 50 से 70 वीआईपी बायोमीट्रिक प्रक्रिया के लिए आते हैं। वर्तमान में लर्निंग डीएल बनवाने की वेटिंग लगभग डेढ़ माह चल रही है।