प्रयागराज, इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि सहायक अध्यापक की पेंशन, ग्रेच्यूटी आदि भुगतान के संबंध में 16 सित॔बर 2009 को जारी शासनादेश 60 साल की आयु से पहले मृत्यु की दशा में ग्रेच्यूटी भुगतान पर रोक नही लगाता।
न्यायालय ने कहा कि इसके क्लाज 5 में साफ लिखा है कि 60 साल या मृत्यु की दशा में ग्रेच्यूटी भुगतान किया जायेगा।
न्यायालय ने 60 साल का विकल्प न देने के आधार पर विधवा याची को ग्रेच्यूटी का भुगतान करने से इंकार करने के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कन्नौज के तीन मार्च 2020 के आदेश को रद्द कर दिया है। उषारानी केस के फैसले के तहत नये सिरे से निर्णय लेने का निर्देश दिया है। इस केस में न्यायालय ने भुगतान मे देरी के लिए आठ फीसदी ब्याज देने का भी आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति एम सी त्रिपाठी ने प्रेम कुमारी की याचिका की स्वीकार करते हुए यह आदेश दिया है।
याचिका पर अधिवक्ता के के केशरवानी ने बहस की। याची के पति सुरवेन्द्र सिंह ग्राम्य शिक्षा निकेतन जूनियर हाई स्कूल जफराबाद उन्नाव में 1995 से सहायक अध्यापक थे। 10 फरवरी 2019 को उनकी सेवा काल में मौत हो गयी। पेंशन आदि का भुगतान किया गया किन्तु ग्रेच्यूटी रोक दी गयी।कहा गया कि उन्होंने 60 साल मे सेवानिवृत्त लेने का विकल्प नही भरा था। न्यायालय ने इस मामले को तय करने का निर्देश दिया था ।इसके बावजूद याची की अर्जी निरस्त कर दी गयी थी। जिसे चुनौती दी गयी थी।