नयी दिल्ली , चुनाव के समय नामांकन के वक्त हलफनामे में गलत जानकारी देने वाले उम्मीदवारों के लिये बड़ी मुसीबत हो गई है।
चुनाव आयोग ने चुनाव के समय नामांकन भरते वक्त उम्मीदवारों के हलफनामे में गलत जानकारी देने के बारे में मिल रही शिकायतों को देखते हुए इन मामलों की जांच कराने का फैसला किया है ।
आयोग ने मंगलवार को अपनी पूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया कि प्राप्त शिकायतों को देखते हुए मामले में गुण दोष के आधार पर उसकी जांच कराई जाएगी। बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और चुनाव आयुक्त अशोक लवासा तथा सुशील चंद्रा भी मौजूद थे।
बैठक में अन्य मुद्दों के अलावा इस मुद्दे पर भी चर्चा हुई कि कुछ उम्मीदवारों के हलफनामे में कुछ गलत जानकारियां दी जा रही हैं जो मतदाताओं के अधिकारों का उल्लंघन है क्योंकि उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के अनुसार हर मतदाता को अपने उम्मीदवार के बारे में सही जानकारी प्राप्त होना आवश्यक है ताकि वह उसे विधायक या सांसद के रूप में चुनने के लिए संतुष्ट हो सके ।यह मतदाता का मौलिक अधिकार है।
जनप्रतिनिधि कानून के तहत एक उम्मीदवार नामांकन भरते समय अपनी अपराधिक पृष्ठभूमि ,अपनी चल अचल संपत्ति और देनदारी के अलावा अपनी शैक्षणिक योग्यता के बारे में जानकारी देता है। आयोग ने 2013 से यह नियम बना दिया है कि अगर कोई उम्मीदवार अपने हलफनामे में संपत्ति और देनदारी की जानकारी देता है तो उसका सत्यापन केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड द्वारा किया जाएगा।
चुनाव आयोग की विज्ञप्ति में कहा गया है कि चुनाव के दौरान नामांकन दायर करते समय उम्मीदवारों द्वारा गलत हलफनामा देना आयोग के लिए एक चुनौती बन गई है। आयोग का मानना है कि देश में मुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए यह जरूरी है कि इस चुनौती का सामना किया जाए और इन शिकायतों को निपटाया जाए।
आयोग ने अपनी बैठक में इस मामले की समीक्षा कर यह फैसला किया कि वह ऐसी शिकायतों का संज्ञान लेगा और उसे मामले के आधार पर जांच अधिकारी को जांच के लिए सौंपेगा।